नीमच कलेक्टर की औद्योगिक इकाइयां बंद करने के फैसले पर उठे सवाल
कोरोना के गहराए संक्रमण के बीच लोगों के सामने एक तरफ जहां जिंदगी संकट में है तो दूसरी और रोजी-रोटी भी मुसीबत में पड़ गई है. सरकारें आर्थिक गतिविधियां जारी रखने पर जोर दे रही हैं, मगर नीमच में तो औद्योगिक इकाइयों को ही बंद करने का फैसला ले लिया गया है
highlights
- एमपी में नीमच के डीएम की कार्रवाई पर उठे सवाल
- कोरोना को देखते हुए 31 मई तक बढ़ाया लॉकडाउन
- कई औद्योगिक इकाइयों को बंद करने का लिया फैसला
नई दिल्ली:
कोरोना के गहराए संक्रमण के बीच लोगों के सामने एक तरफ जहां जिंदगी संकट में है तो दूसरी और रोजी-रोटी भी मुसीबत में पड़ गई है. सरकारें आर्थिक गतिविधियां जारी रखने पर जोर दे रही हैं, मगर नीमच में तो औद्योगिक इकाइयों को ही बंद करने का फैसला ले लिया गया है, इससे जागरूक लोग और व्यापारी जगत में रोष व्याप्त है और उन्होंने प्रशासन के फैसले पर सवाल उठाए हैं. नीमच में कोरोना कर्फ्यू को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. कलेक्टर मयंक अग्रवाल की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि जिले में संचालित मेडिसिन उत्पादन करने वाले और मेडिकल उपकरण का उत्पादन करने वाली औद्योगिक इकाइयों को छोड़कर अन्य सभी औद्योगिक आया 31 मई तक पूर्ण तरह प्रतिबंधित की जाती हैं.
पूर्व में जारी सभी औद्योगिक इकाइयों की अनुमति तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाती है. इसके साथ ही अनाज मंडी और सब्जी मंडी 31 मई तक पूर्ण तरह प्रतिबंधित रहेगी. जिला कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक जिले में व्यवसायिक प्रतिष्ठान, किराना की दुकान ,होम डिलीवरी सहित बंद रहेंगे एवं अन्य आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. इसके साथ ही अनाज मंडी व सब्जी मंडी 31 मई तक पूर्ण तरह प्रतिबंधित रहेंगी.
स्थानीय पत्रकार जिनेंद्र सुराना का कहना है कि एक तरफ मेडिसन व उपकरण की इकाईयों के अलावा औद्योगिक गतिविधियों पर रोक लगाई गई है, इसके साथ ही फल, सब्जी नियमित रुप से लेागों को नहीं मिल पा रही है, जबकि फलों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार माना गया है और लोगों को यह भी नहीं मिल पा रहे है. इसके अलावा आटा चक्की तक नियमित रुप से नहीं चल रही. सवाल है कि जेा लेाग इकटठा गेहूं पिसाने में सक्षम नहीं है उनकी रोटी कैसे बन रही होगी. इससे प्रशासन बेखबर है. इस संदर्भ में तमाम जिम्मेदार लोगों को अवगत कराया जा चुका है मगर कोई सुनवाई नहीं है .
इसी तरह चेम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष जिनेंद्र कुमार डोसी, महामंत्री मोतीलाल मित्तल व सचिव मनोहर मोटवानी ने भी जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि आपने आवश्यक वस्तुएं किराना, सब्जी, आटा चक्की आदि को आगामी आदेश तक प्रतिबंधित किया हुआ है. इससे आम लोग परेशान हो रहे हैं. किसी के घर में आटा नहीं है तो किसी के घर में चाय की पत्ती, शक्कर, सब्जी आदि सामान नहीं है. यह बात सही है की कोरोना महामारी से हम सब संकट में हैं.
इसकी चेन टूटना चाहिए. हम नहीं कहते की अभी पूरे बाजार खुलने चाहिए. लेकिन आवश्यक वस्तुओं को सीमित समय के लिए खोलना चाहिए, ताकि आम लोग इसकी पूर्ति कर सके. ज्ञात हो कि प्रदेश के सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा इसी जिले से विधायक हैं और वर्तमान में तथा जिले के कोविड नियंत्रण के प्रभारी भी हैं. जिलाधिकारी मयंक अग्रवाल से जिले में कोरोना कर्फ्यू बढ़ाने और लिए गए निर्णयों के संदर्भ में उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया, मगर वे उपलब्ध नहीं हुए.
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