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मध्य प्रदेश में अब स्व-सहायता समूह के उत्पाद मॉल्स में बिकेंगे

मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है. इसके लिए आर्थिक तौर पर गतिविधियां बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में स्व-सहायता समूहों को 150 करोड़ रुपये का कर्ज सिंगल क्लिक के जरिए ट्रांस्फर किया गया.

Updated on: 24 Nov 2020, 09:28 AM

भोपाल:

मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है. इसके लिए आर्थिक तौर पर गतिविधियां बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में स्व-सहायता समूहों को 150 करोड़ रुपये का कर्ज सिंगल क्लिक के जरिए ट्रांस्फर किया गया. वहीं स्व सहायता समूहों के उत्पादों को मॉल में भी अब बेचा जाएगा. 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कर्ज की राशि स्व सहायता समूहों को अंतरित करते हुए सोमवार को कहा है कि, "मध्यप्रदेश सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता महिलाओं का सशक्तीकरण है. इसके लिए सरकार उन्हें विभिन्न गतिविधियों के लिए चार प्रतिशत ब्याज पर बैंकों से ऋण दिला रही है तथा शेष ब्याज की राशि मध्यप्रदेश सरकार भर रही है.'

उन्होंने आगे कहा,  'इस वर्ष महिलाओं को उनकी आर्थिक गतिविधियों के लिए 1400 करोड़ की राशि दिलाई जा रही है. इसी के साथ यह भी निर्णय लिया गया है कि सरकारी खरीद का एक हिस्सा महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों का होगा. उनकी बनाई सामग्रियों को बाजार प्रदान करने तथा प्रोत्साहित करने के लिए शहरों में मॉल्स में भी रखा जाएगा.'

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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि, "मध्यप्रदेश में वर्तमान में 35 लाख बहनें स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं तथा विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियां सफलतापूर्वक संचालित कर रही हैं. इस बार बहनों को स्कूल गणवेश का कार्य दिया गया है. इसी के साथ कई स्थानों पर 'वे रेडी टू ईट' पोषण आहार का निर्माण भी कर रही हैं. हमें इस वर्ष 30 लाख और महिलाओं का आवश्यक प्रशिक्षण देकर स्व-सहायता समूहों से जोड़ना है. ये महिलाएं 'लोकल को वोकल' बनाएंगी तथा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण करेंगी."

इस मौके पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि, "प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिए सरकार अधिक से अधिक सहायता कर रही है. हमारा लक्ष्य है कि स्व-सहायता समूहों की प्रत्येक महिला को कम से कम 10 हजार रूपए की मासिक आमदनी हो सके."