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सीहोर का रुद्राक्ष महोत्सव राजनीति का बना केंद्र, स्थगित किया गया

सीहोर के चितावलिया हेमा गांव स्थित कुबेरेश्वर धाम में आयोजित होने वाले रुद्राक्ष महोत्सव के स्थगित होने के बाद गरमाई सियासत पर बुधवार को पंडित प्रदीप मिश्रा में विराम लगा दिया.

Updated on: 03 Mar 2022, 02:56 PM

सीहोर:

सीहोर में पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा किया जा रहा शिव महापुराण राजनीति का केंद्र बन गया है. हालांकि इसे सनातन धर्म का आय़ोजन बताकर राजनीति नहीं करने का आग्रह कर पंडित प्रदीप मिश्रा ने ही रुद्राक्ष महोत्सव को स्थगित कर दिया. 28 फरवरी से आयोजित होने वाले सात दिवसीय महोत्सव को पहले ही दिन लाखों श्रद्धालुओं के जुटने से हुई अव्यवस्था के बीच प्रशासन के आग्रह के बाद स्थगित कर दिया गया. इस अव्यवस्था के लिए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए सीधे सरकार पर निशाना साधा था. वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने भी इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक सीहोर के चितावलिया हेमा गांव स्थित कुबेरेश्वर धाम में आयोजित होने वाले रुद्राक्ष महोत्सव के स्थगित होने के बाद गरमाई सियासत पर बुधवार को पंडित प्रदीप मिश्रा में विराम लगा दिया. उन्होंने यहां चल रहे श‍िव पुराण की तीसरे दिन की कथा के बीच ही कहा कि रुद्राक्ष महोत्सव सनातन धर्म का आयोजन था, इसे राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाया जाना चाहिए. महोत्सव के स्थगित होने को लेकर लगातार तेज हुई प्रतिक्रियों के बीच बुधवार को संभागायुक्त गुलशन बामरा, कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर महोत्सव को पुन: आयोजित करने का आग्रह लेकर कुबेरेश्वर धाम पहुंचे, जहां पं. मिश्रा ने उनसे कहा कि महोत्सव में शामिल होने के लिए आए श्रद्धालु अब लौट गए हैं इसलिए पुन: आयोजन नहीं हो सकता.

इसके बाद कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, विधायक संजय शुक्ला ने भी पार्टी पदाधिकारियों के साथ यहां पहुंचकर पं. मिश्रा से मुलाकात की. इस स्थिति को देखते हुए पं. मिश्रा ने कथा के बीच ही कहा कि कुबेरेश्वर धाम में सभी श्रद्धालुओं का स्वागत है, वे आएं और शिव पुराण कथा का लाभ उठाएं लेकिन रुद्राक्ष महोत्सव सनातन धर्म का आयोजन था जिसे राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाया जाए. इस विवाद पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे के करीब पंडित प्रदीप मिश्रा से फोन पर चर्चा की.