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कमलनाथ के बयान पर सियासत तेज, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मांगा इस्तीफा

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान पर सियासत तेज. गृह मंत्री ने की कमलनाथ से नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफे की मांग. गृह एवं जेल मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को दी सीख. आप हमारी, और सरकार की आलोचना करो चलता है.

Updated on: 28 May 2021, 08:12 PM

highlights

  • पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान पर सियासत तेज
  • गृह मंत्री ने की कमलनाथ से नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफे की मांग
  • गृह एवं जेल मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को दी सीख

भोपाल:

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान पर सियासत तेज. गृह मंत्री ने की कमलनाथ से नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफे की मांग. गृह एवं जेल मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को दी सीख. आप हमारी, और सरकार की आलोचना करो चलता है. परंतु देश को बदनाम करने की कोशिश करोगे तो चल नहीं पाओगे. विश्व में भारत को मां का दर्जा प्राप्त है लेकिन आज आपने मां को बदनाम किया है. सिखों का नरसंहार हुआ था तब देश बदनाम हुआ था आपको और आपके पूरे परिवार का विदेशों में किस तरह का देख रहे है उसको देख कर लगता है कि आप वही की भाषा बोलते हैं. देश आपको माफ नहीं करेगा.

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) के क्राइम ब्रांच (Crime Branch) थाने में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के खिलाफ दर्ज केस सरकार वापस नहीं लेगी. साथ ही सरकार ने कमलनाथ के पास हनी ट्रैप (Honey Trap) की पेनड्राइव की जांच होने की बात कही है. सूबे की गृहमंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि “कमलनाथ पर दर्ज मुकदमा वापस नहीं होगा. कमलनाथ विपक्ष के नेता हैं. यदि हनीट्रैप मामले की पेन ड्राइव उनके पास है तो एसआईटी को जाकर दे दें और नहीं दे सकते तो बोलें कि मैंने झूठ बोला था.” उन्होंने कहा कि “उनके पास जो पेनड्राइव है, उसकी जांच होनी चाहिए. कमलनाथ रोज़ ट्वीट कर नई बातें कर रहे हैं, हम किसी की आवाज़ नहीं दबा रहे हैं.”

नरोत्तम मिश्रा ने यह भी कहा कि “कमलनाथ के आग लगाने वाले बयान की सीडी मैं मीडिया में जारी कर सकता हूं. कांग्रेस सिर्फ भय और भ्रम फैलाने का काम करती है. यही वजह है कि दिग्विजय सिंह ने पहली बार सत्य का साथ दिया है. लाशों की राजनीति और आग लगाने वाली बात पर कमलनाथ से अलग हो गए हैं.” दरअसल कांग्रेस ने एफआईआर को लेकर सरकार पर तमाम सवाल खड़े कर सरकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को लेकर थाने में शिकायत की थी.