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कोरोना वायरस: मध्य प्रदेश में फैली दहशत, सरकार ने जारी किया टोल फ्री नंबर

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग इलाज संबंधी तैयारियां में कोई चूक नहीं बरतना चाहता है.

Updated on: 03 Feb 2020, 12:28 PM

भोपाल:

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग इलाज संबंधी तैयारियां में कोई चूक नहीं बरतना चाहता है. कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज पाए जाने के बाद राज्य का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है, इसके लिए आवश्यक इंतजाम विभाग ने किए हैं. राज्य में इस जानलेना वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही सरकार ने एक टोल फ़्री नम्बर-104 जारी किया है और एक कंट्रोल-रूम खोला है. टोल-फ्री नम्बर-104 पर प्रतिदिन सुबह 8 से रात 8 बजे लोग इस वायरस से बचने के उपाय जान सकते हैं.

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स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए संभावित संक्रमित रोगी के संपर्क में न आएं, हाथ न मिलाएं और गले न लगाएं. इसके अलावा हाथों को स्वच्छ पानी से धोएं, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ एवं पौष्टिक आहार का सेवन करें. साथ ही बताया गया है कि मास्क का उपयोग करें और किसी भी प्रकार के लक्षण आने पर नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र में सम्पर्क करें. 

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर रखी है. एयरपोर्ट, अस्पताल जैसी जगहों पर स्पेशल वार्ड बनाए गए हैं. इसे लेकर हेल्पनंबर- 104 भी जारी किया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री लगातार इसे लेकर विभाग से चर्चा कर रहे हैं और हर जानकारी ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इसे लेकर बेहद गम्भीर है. उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक चार संदिग्ध मरीज मिले जिनमें से दो मरीजों के नमूनों की रिपोर्ट आ गई है, जो नकारात्मक रही है.

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बता दें कि कोरोना वायरस के पांच संदिग्ध मरीजों का इंदौर में इलाज जारी है. संदिग्ध अवस्था में चीन से तीनों को भारत लाया गया था. इंदौर के तीन मरीजों के अलावा एक उज्जैन और एक खरगोन का मरीज शामिल हैं. कुल 5 संदिग्ध मरीजों का इलाज चल रहा है. इंदौर में चीन से आने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है. संदिग्ध मरीजों के लिए अलग से वार्ड की व्यवस्था की गई है. ज्ञात हो कि चीन में घातक कोरोना वायरस की गिरफ्त में बड़ी संख्या में लोग है और मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी के चलते चीन से आने वालों की भारत में स्क्रीनिंग हो रही है.