ठंडे बक्से से बाहर निकाला जाये व्यापम घोटाला, ‘बड़ी मछलियां’ अब भी आजाद : व्हिसलब्लोअर

व्यापमं घोटाले से किसी न किसी तरह जुड़े करीब 50 लोगों की गुजरे छह सालों में संदिग्ध हालात में मौत हो चुकी है

author-image
Sushil Kumar
New Update
ठंडे बक्से से बाहर निकाला जाये व्यापम घोटाला, ‘बड़ी मछलियां’ अब भी आजाद : व्हिसलब्लोअर

Out of the cold box the business scam big fish still free

मध्यप्रदेश में वर्ष 2013 में सामने आये कुख्यात व्यापमं घोटाले को लेकर व्हिसलब्लोअरों ने सीबीआई की जांच और मध्यप्रदेश सरकार के रवैये पर गहरा असंतोष जताया है. व्हिसलब्लोअरों का कहना है कि सरकारी प्रवेश और भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली से जुड़े इस घोटाले को ठंडे बक्से से बाहर निकालकर इसकी बारीकी से छानबीन करायी जानी चाहिये, क्योंकि मामले की कई "बड़ी मछलियां" अब भी कानून की गिरफ्त से बाहर हैं.

Advertisment

यह भी पढ़ें - ममता भी राजनीतिक हिंसा पीड़ित रही हैं, उनके कार्यकाल में राजनीतिक हत्याएं देखकर हैरान हूं : स्वराज

व्यापमं घोटाले के व्हिसलब्लोअर आनंद राय ने बुधवार को "पीटीआई-भाषा" से कहा, "व्यापमं घोटाले से किसी न किसी तरह जुड़े करीब 50 लोगों की गुजरे छह सालों में संदिग्ध हालात में मौत हो चुकी है. इन मौतों के अधिकांश मामलों में सीबीआई की जांच से कोई खास बात सामने नहीं आयी है. लगता है कि सीबीआई जल्द से जल्द इन मामलों की जांच बंद करना चाहती है, जबकि कई बड़ी मछलियां अब भी आजाद हैं."

यह भी पढ़ें - मध्य प्रदेश विधानसभा में BJP की किरकरी, 2 विधायकों ने कमलनाथ सरकार के पक्ष में की क्रॉस वोटिंग

उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ही सूबे की एक विशेष अदालत ने मेडिकल छात्रा नम्रता डामोर की संदिग्ध हालात में मौत के बहुचर्चित मामले को खत्म करने की सीबीआई की अर्जी खारिज करते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी को आदेश दिया है कि वह इस प्रकरण की दोबारा जांच कर अंतिम रिपोर्ट सौंपे. एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा नम्रता का शव पड़ोसी उज्जैन जिले में रेलवे पटरी पर वर्ष 2012 में मिला था और उसकी मौत को व्यापमं घोटाले से जोड़कर देखा जाता है.

यह भी पढ़ें - मॉब लिंचिंग पर गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी बोले- विभिन्न राज्यों में अलग-अलग कारणों से हो रहीं ऐसी घटनाएं

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के वर्ष 2015 में दिये गये आदेश के तहत व्यापमं घोटाले से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई कर रही है. हालांकि, व्हिसलब्लोअरों का दावा है कि इस घोटाले से जुड़ी कई शिकायतें प्रदेश सरकार के दफ्तरों में धूल खा रही हैं. राय ने कहा, "प्रदेश में दिसंबर 2018 के दौरान कांग्रेस की सरकार बनने के बाद हम (व्हिसलब्लोअर) गृह मंत्री बाला बच्चन से तीन बार मिल चुके हैं. लेकिन व्यापमं घोटाले से जुड़ी सैकड़ों शिकायतों पर लम्बित जांच को लेकर अब तक कोई ठोस फैसला नहीं किया गया है." इस बीच, व्यापमं के एक अन्य व्हिसलब्लोअर आशीष चतुर्वेदी ने भी आरोप लगाया कि व्यापमं घोटाले की जांच को लेकर सीबीआई का रवैया ढीला-ढाला रहा है.

उन्होंने कहा, "सीबीआई ने व्यापमं घोटाले के मामलों की तह तक जाकर जांच नहीं की है." उन्होंने व्यापमं घोटाले की जांच को लेकर प्रदेश सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा, "कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार को व्यापमं घोटाले की अच्छी तरह जांच करानी ही चाहिये. कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली तत्कालीन भाजपा सरकार के खिलाफ जिन मुद्दों के दम पर नवंबर 2018 का विधानसभा चुनाव जीता, उनमें व्यापमं घोटाले की गहराई से जांच कराने का वादा अहम था."

मध्यप्रदेश के विधि एवं विधायी मंत्री पीसी शर्मा ने मंगलवार को एक बयान में कहा था कि सूबे की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल के व्यापमं घोटाले में यदि नवीन तथ्य सामने आते हैं, तो इस मामले की नये सिरे से दोबारा जांच करायी जायेगी. शर्मा ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा 21 जुलाई को प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को व्यापमं घोटाले के बारे में लिखे पत्र के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में यह बात कही.

इस पत्र में दिग्विजय ने कहा है कि व्यापमं घोटाले के "मुख्य आरोपियों" को कानून के दायरे में लाकर उन्हें सजा दिलायी जाये और निर्दोष छात्र-छात्राओं के साथ इंसाफ किया जाये. गौरतलब है कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल की आयोजित प्रवेश और भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आने के बाद राज्य सरकार ने इसका आधिकारिक नाम बदलकर "प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड" कर दिया था.

shivraj-singh-chauhan Anand Rai whisilblower vyapam scam bhopal
      
Advertisment