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कमलनाथ की सलाह पर राज्यपाल लालजी टंडन ने 6 मंत्रियों को मंत्रिमंडल से निकाला

राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ की सिफारिश पर मंत्रिपरिषद के 6 सदस्यों को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से निकालने के आदेश दिए हैं.

Updated on: 13 Mar 2020, 05:23 PM

भोपाल:

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में सियासी खींचतान के बीच छुट्टी से वापस भोपाल लौटे राज्यपाल लालजी टंडन (Lalji Tandon) ने मुख्यमंत्री की सिफारिश के बाद राज्य के 6 मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है. राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ (Kamal Nath) की सिफारिश पर मंत्रिपरिषद के 6 सदस्यों को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से निकालने को कहा है. इन मंत्रियों के नाम इमरती देवी, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर और डॉ. प्रभुराम चौधरी हैं.

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बता दें कि भोपाल लौटे राज्यपाल लालजी टंडन से आज मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजभवन में मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 6 मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की. जिसके बाद राज्यपाल ने सभी 6 मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर निकालने के आदेश दिए. उन्होंने राज्यपाल को तीन पन्नों का पत्र सौंपा और उनसे फ्लोर टेस्ट करवाने का अनुरोध भी किया. कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप भी लगाया.

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने विधानसभा के आगामी सत्र में फ्लोर टेस्ट के लिए और बेंगलुरू में बंधक बनाए गए कांग्रेस विधायकों की रिहाई के लिए अनुरोध किया. राज्यपाल को लिखे पत्र में कमलनाथ ने 3-4 मार्च की रात से राज्य में हुए राजनीतिक घटनाक्रमों का भी जिक्र किया है. कमलनाथ ने कहा कि 4 मार्च को कांग्रेस द्वारा बीजेपी के प्रयासों को नाकाम करने के बाद बीजेपी ने 8 मार्च को 3 चार्टर्ड प्लेन द्वारा 19 पार्टी विधायकों को बेंगलुरू पहुंचाकर फिर से खरीद-फरोख्त करना चाहा है.

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उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस विधायकों के त्याग पत्र को बीजेपी नेता ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा है. कमलनाथ ने पत्र में कहा, 'हम मध्य प्रदेश के लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि हम संविधान और विधायी प्रक्रिया को बनाए रखने और उसमें निहित मूल्यों को बनाए रखने के लिए लोकतंत्र की जीत और विधायी प्रक्रिया को सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.' कमलनाथ ने अपने पत्र में कहा कि हम अनुरोध करते हैं कि राज्यपाल राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में केंद्रीय गृहमंत्री (अमित शाह) के साथ अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर बेंगलुरू में बंधक विधायकों को मुक्त कराएं.

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