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अब बदलेगा हबीबगंज स्टेशन का नाम, केंद्र से मिली मंजूरी

हबीबगंज रेलवे स्टेशन (Habibganj railway station) का नाम अब रानी कमलापति रेलवे स्टेशन होगा.

Updated on: 13 Nov 2021, 01:16 PM

highlights

  • पहले भी उठ चुकी है नाम बदलने की मांग
  • रानी कमलापति के नाम पर मुहर लगी

नई दिल्ली :

हबीबगंज स्टेशन (Habibganj railway station) का नाम अब बदलने जा रहा है. इसके लिए केंद्र की तरफ से मंजूरी मिल चुकी है. हबीबगंज स्टेशन (Habibganj railway station) अब रानी कमलापति स्टेशन के नाम से जाना जाएगा. खबरों की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर के दिन इस नए नाम का ऐलान कर सकते हैं. आपको बताते चलें कि मध्य प्रदेश सरकार ने ये प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था. जिसमें सरकार से कहा गया था कि बीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति किया जाना चाहिए. जिसके लिए केंद्र सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है. ये पहली बार नहीं है कि  हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने के लिए मांग उठी हो, इससे पहले भी इसके नाम को बदलने के लिए बीजेपी के नेताओं ने मांग उठाई थी. लेकिन अंतर सिर्फ इतना है कि तब इसका नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर करने की योजना थी. हालांकि अभी रानी कमलापति के नाम पर मुहर लगी है. 

आपको बताते हैं कि ये रानी कमलापति कौन थीं. और इनके नाम पर ही क्यों रखा गया है. दरअसल  भोपाल में 16वीं सदी के दौरान गोंड शासकों के राज था. गोंड राजा सूरज सिंह शाह के बेटे निजाम शाह से रानी कमलापति का विवाह हुआ था. आदिवासियों के बीच रानी कमलापति अपनी वीरता के लिए बहुत ही लोकप्रिय थीं.

ये है स्टेशन की खासियत

अगर इस स्टेशन की बात करें तो इस स्टेशन की तीन खासियत है. पहली ये कि इस स्टेशन को 5 स्टार जीईएम रेंटिंग दी हुई हैं. जो इसे वर्ल्ड क्लास बनाती है. दूसरी ये कि इस पूरे स्टेशन की लाइट सोलर एनर्जी से चलती है. और तीसरी ये कि ये भारत का ये पहला ग्रीन स्टेशन भी है. साथ ही इस स्टेशन पर ऐसी खासियत है कि यहां जैसे ही आग लगेगी या फिर धुआं उठेगा तो तुरंत ही स्प्रिंकलर एक्टिव हो जाएगा. इसके अलावा अगर स्टेशन पर इमरजेंसी के हालात होते हैं तो सिर्फ 4 मिनट के अंदर ही पूरा स्टेशन खाली किया जा सकता है.