मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार की नीतियों के खिलाफ शुक्रवार को इंदौर (Indore) में आंदोलन के दौरान लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह समेत करीब 1,000 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने एहतियातन गिरफ्तार कर लिया. बीजेपी (BJP) के कई नेता हजारों कार्यकर्ताओं के साथ सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे और कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे. राकेश सिंह (Rakesh Singh) के नेतृत्व में किए गए आंदोलन के दौरान हजारों प्रदर्शनकारी बीजेपी कार्यकर्ता बैरिकेड हटाकर कलेक्टोरेट परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे. तभी सभी को पुलिस ने एहतियातन हिरासत में ले लिया.
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हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह के अलावा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, इंदौर क्षेत्र के लोकसभा सांसद शंकर लालवानी और शहर की महापौर औ विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ शामिल थे. इस दौरान राकेश सिंह और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन कांग्रेस की सरकार पर जमकर बरसे. बीजेपी नेताओं ने आंदोलन में आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार माफिया रोधी अभियान की आड़ में सूबे के प्रमुख विपक्षी दल के नेता-कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक दुर्भावनावश गलत कार्रवाई कर रही है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि वह सूबे में पहली बार 'सरकारी आतंक' के बारे में सुन रहे हैं. उन्होंने कहा, 'पूरे मध्यप्रदेश के आम लोगों में भय का वातावरण है कि राज्य सरकार उनके मकान-दुकानों को अचानक अवैध बताकर उन्हें तोड़ सकती है. अब तक माना जाता था कि चोर-लुटेरों और डाकुओं के कारण जन मानस में आतंक निर्मित होता है. हमने सांप्रदायिक आतंक, जातीय आतंक और लाल आतंक के बारे में भी सुना है. लेकिन कमलनाथ सरकार के राज में हम सूबे में पहली बार सरकारी आतंक के बारे में सुन रहे हैं.'
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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि माफिया रोधी अभियान की आड़ में सूबे के प्रमुख विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं को डराने-धमकाने के लिये उनके वैध निर्माणों को अवैध बताकर तोड़ा जा रहा है, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के गैरकानूनी निर्माणों को छोड़ा जा रहा है. सिंह ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थन में राजगढ़ जिले में रैली निकाल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को कलेक्टर निधि निवेदिता समेत दो महिला प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा थप्पड़ मारे जाने की हालिया घटना की भी आलोचना की.