लॉकडाउन में नर्मदा नदी का पानी हुआ A ग्रेड, सामने आए चौकाने वाले नतीजे

देश ही नहीं दुनियाभर के विज्ञानिकों ने अपने अध्यन में कहा कि कोरोना वायरस के कारण वातावरण में बहुत अच्छे बदलाव हो रहे हैं जिसका एक कारण सड़कों पर कम गाड़ियों का होने से लेकर उधोग-धंधों का बंद होना है.

देश ही नहीं दुनियाभर के विज्ञानिकों ने अपने अध्यन में कहा कि कोरोना वायरस के कारण वातावरण में बहुत अच्छे बदलाव हो रहे हैं जिसका एक कारण सड़कों पर कम गाड़ियों का होने से लेकर उधोग-धंधों का बंद होना है.

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yogesh bhadauriya
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प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News State)

भले ही लॉकडाउन से पूरी दुनिया में एक प्रकार का चक्का सा जाम हो गया है. लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं कि प्राकृतिक तौर पर पृथ्वी के लिए यह बहुत अच्छा समय है. देश ही नहीं दुनियाभर के विज्ञानिकों ने अपने अध्यन में कहा कि कोरोना वायरस के कारण वातावरण में बहुत अच्छे बदलाव हो रहे हैं जिसका एक कारण सड़कों पर कम गाड़ियों का होने से लेकर उधोग-धंधों का बंद होना है. जिनसे मुख्यतौर पर वायु प्रदूष्ण का खतरा अधिक होता है. ऐसे में एक अच्छी खबर मध्य प्रदेश के लोगों के लिए भी है जहां की नर्मदा नदी पर लॉकडाउन से अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं.

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दरअसल लॉकडाउन ने मध्यप्रदेश की लाइफ लाइन नर्मदा नदी के जल को ए ग्रेड कर दिया है. पिपरोय के शासकीय पीजी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर रवि उपाध्याय ने इसे लेकर रिसर्च किया है, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. उन्होंने होशंगाबाद जिले के 4 प्रमुख घाटों के सैंपल लिए हैं. जांच के बाद पानी की गुणवत्ता ए ग्रेड की पाई गई है.

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प्रोफेसर उपाध्याय ने बताया कि लॉकडाउन में होशंगाबाद के 4 नर्मदा घाटों के जल का परीक्षण किया गया जिससे जल का पीएच (PH), घुलित आक्सीजन (DO dissolved oxygen), टोटल कोलीफॉर्म (Total Coliform), टोटल सस्पेंडेड सॉलिड (Total suspended solid) का अध्ययन किया गया. इसमें होशंगाबाद के सेठानी घाट, सर्किट हाउस, विवेकानंद घाट और पोस्ट ऑफिस घाट और हर्बल पार्क के बीच में सतह के नीचे से सैंपल लिए गए.

सभी घाटों के जल में पीएच 7 के लगभग पाया गया, डीओ यानी घुलित आक्सीजन 6 mg/100ml से अधिक, टोटल कोलीफॉर्म की संख्या 1 लीटर में 25 से भी कम और नगन्य देखी गई, टीएसएस 4 51-550 मिली ग्राम प्रति लीटर देखी गई. अभी पानी बिलकुल क्लिन दिख रहा है.

क्या है पैमाना

अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड के अनुसार जल में DO 100एमल में 5एमजी, PH 6.5-8 के बीच, टोटल कोलीफॉर्म 50 /1000ml हो तो जल 'A' ग्रेड का माना जाता है. 8 से ज्यादा पीएच हो और डीओ 5 से कम हो तो B ग्रेड का और कोलीफॉर्म 60/1000ml से अधिक हो डीओ 4* से कम तो C ग्रेड का माना जाता है.

वहीं जानकार का कहना है कि वर्षों बाद नर्मदा का पानी इतना शुद्ध दिख रहा है. अभी पानी जितना साफ है, उसे लोग सीधे भी पी सकते हैं. वहीं नदियों की सफाई लगे में लोगों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से नदियों को नई जिंदगी मिली है. घाटों की सफाई भी लॉकडाउन के दौरान बेहतरीन है.

Source : News State

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