सीएम कमलनाथ के ट्विट को आंदोलनकारियों ने ठुकराया, कही ये बात

ये सभी उच्च शिक्षा विभाग के सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के चयनित उम्मीदवार हैं जो 30 नवंबर को पैदल चलकर भोपाल पुहंचे थे.

ये सभी उच्च शिक्षा विभाग के सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के चयनित उम्मीदवार हैं जो 30 नवंबर को पैदल चलकर भोपाल पुहंचे थे.

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yogesh bhadauriya
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सर्जिकल स्ट्राइक पर फिर उठे सवाल, सीएम कमलनाथ ने पूछा, कब और कहां हुई थी

मुख्यमंत्री कमलनाथ( Photo Credit : News State)

बीते 24 नवंबर से डॉ. बीआर आंबेडकर के जन्मस्थान से संविधान रक्षा यात्रा शुरू कर मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) के चयनित उम्मीदवार भूंख हड़ताल कर रहे हैं. ये सभी उच्च शिक्षा विभाग के सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के चयनित उम्मीदवार हैं जो 30 नवंबर को पैदल चलकर भोपाल पुहंचे थे. 1 दिसंबर से नीलम पार्क में धरने पर बैठे हुए हैं. इसमें 250 से अधिक उम्मीदवार मुंडन करा चुके हैं. उधर, अतिथि विद्वानों ने भी छिंदवाड़ा पहुंचकर विरोध जताया.

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अब मुख्यमंत्री ने मंगलवार रात 8.20 बजे एक ट्वीट किया... ‘मेरे द्वारा प्रदेश में पीएससी से चयनित विद्वानों के लिए नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दे दिए हैं, इसमें संशय की कोई गुंजाइश नहीं है. साथ ही जो अतिथि विद्वान पहले से कार्यरत हैं, वह भी यथावत रहेंगे.’ इसके बाद भी उम्मीदवारों ने कहा है कि जब तक उनके नियुक्ति आदेश विभागीय पोर्टल पर जारी नहीं हो जाते वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे, क्योंकि उच्च शिक्षा विभाग सीएम के निर्देश भी नहीं मानता है.

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उम्मीदवार बोले- 12 नवंबर को ही सब कुछ तय हो गया था, फिर भी अटका रखी है नियुक्ति

पीएससी चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रकाश खातरकर ने बताया कि विभाग ने उनके नियुक्ति आदेश जबरन कर अटका रखे हैं. सीएम ने उनकी यह समस्या तो 12 नवंबर को ही खत्म करा दी थी जब उम्मीदवारों का प्रतिनिधि मंडल उनसे मिला था. नियुक्ति आदेश जारी करने के लिए सीएम ने मुख्य सचिव को निर्देश दे दिए थे. सीएम के कहने पर ही वे मुख्य सचिव से मिले. इसी दिन सीएस और उच्च शिक्षा विभाग के पीएस की बैठक हुई. इसके बाद सीएस ने पीएस को निर्देश दिए थे कि इनकी तत्काल नियुक्ति कराई और अतिथि विद्वानों के मामले में कोई दिक्कत है तो उसे केबीनेट में लाइए, उसे दूर कराया जाएगा. लेकिन नियुक्ति अटकी रही. 21 नंवबर को उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी से मिले थे. इसके बाद भी ज्वाइनिंग नहीं तो 24 आंदोलन शुरू कर दिया गया.

बता दें मध्य प्रदेश में लंबे समय से अटकी पड़ी मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग (एमपीपीएससी) की भर्ती की नियुक्ति प्रक्रिया को पूर्ण करने की मांग को लेकर चयनित अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं. दरअसल एमपीपीएससी ने कॉलेजों में रिक्त असिस्टेंट प्रोफेसर के तीन हजार पदों के लिए भर्ती निकाली थी. ऑनलाइन परीक्षा भी हो गई और 27 सौ अभ्यर्थी चयनित भी कर लिए गए, लेकिन नियुक्ति नहीं मिली. अब अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं.

अभ्यार्थियों ने कराया मुंडन

इससे पहले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार और सोमवार को चयनित 70 अभ्यर्थियों ने सामूहिक मुंडन करा कमलनाथ सरकार के खिलाफ विरोध जताया था. दरअसल, एमपीपीएससी के जरिए असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर चयनित अभ्यर्थी लंबे समय से अटकी अपनी नियुक्ति के लिए पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. अभ्यर्थियों ने महू से रैली निकाली और भोपाल पहुंचे. भोपाल के नीलम पार्क में प्रदर्शन के बीच ही उम्मीदवारों ने विरोधस्वरूप अपना मुंडन करवाया.

Source : News Nation Bureau

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