निकाय परिणाम : कमल भी खुश, कमलनाथ भी

मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों के प्रथम चरण के चुनाव परिणामों ने सभी को खुश कर दिया. परिणामों के बाद भाजपा कार्यालय और कांग्रेस कार्यालय दोनों स्थानों पर जश्न मनाया गया. दोनों ही दलों पर हार की चिंता पर जीत का जश्न हावी दिखाई दे रहा है.

मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों के प्रथम चरण के चुनाव परिणामों ने सभी को खुश कर दिया. परिणामों के बाद भाजपा कार्यालय और कांग्रेस कार्यालय दोनों स्थानों पर जश्न मनाया गया. दोनों ही दलों पर हार की चिंता पर जीत का जश्न हावी दिखाई दे रहा है.

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Deepak Pandey
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निकाय परिणाम( Photo Credit : फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों के प्रथम चरण के चुनाव परिणामों ने सभी को खुश कर दिया. परिणामों के बाद भाजपा कार्यालय और कांग्रेस कार्यालय दोनों स्थानों पर जश्न मनाया गया. दोनों ही दलों पर हार की चिंता पर जीत का जश्न हावी दिखाई दे रहा है. 11 नगर निगमों में से 7 पर भाजपा, 3 पर कांग्रेस और 1 पर आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है. 36 नगर पालिकाओं में से 27 में भाजपा केा बहुमत मिला है. 4 पर कांग्रेस और 5 में किसी को बहुमत नहीं मिला है. 86 नगर परिषदों में 64 में भाजपा को बहुमत मिला है. 17 में कांग्रेस को बहुमत है तो वहीं 5 में किसी को बहुमत नहीं मिला है.

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चुनाव परिणामों में साफ तौर पर बड़े शहरों में भाजपा और कांग्रेस में कड़ी टक्कर देखने को मिली है. नगर निगमों में भोपाल और इंदौर में भाजपा का कब्जा बरकरार है तो जबलपुर और ग्वालियर में कांग्रेस ने भाजपा को परास्त कर दिया है. उज्जैन में भी काफी कड़ी टक्कर देखने को मिली है.

नगरों को हमेशा से भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है. ऐसे में बड़े शहरों में भाजपा को कांग्रेस से मिली कड़ी टक्कर आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चेतावनी है. सिंगरौली में आम आदमी पार्टी का महापौर चुना जाना और एआईएमआईएम को भी कई सीटों पर जीत मिलना साफ तौर पर भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए अलार्मिंग है.

भाजपा के लिए यह चिंता का विषय होना चाहिए कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के गढ़ ग्वालियर में भाजपा हार गई. ग्वालियर में भाजपा 57 साल बाद हारी है. जबलपुर से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल आते हैं. आरएसएस ने इस सीट पर पूरी ताकत लगाई, इसके बाद भी भाजपा हार गई.

भोपाल और इंदौर में पूरी ताकत लगाने के बाद भी कांग्रेस नहीं जीत सकी. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी इस हार से करारा झटका लगा है. भोपाल के अलावा दिग्विजय के गढ़ गुना और राजगढ़ में भी कांग्रेस को करारी हार मिली है.

छोटे शहरों में भी कांग्रेस की हार चिंता का विषय होना चाहिए. प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव है, ऐसे में छोटे स्थानों पर कांग्रेस की हार साफ कर रही है कि कांग्रेस को विधानसभा चुनाव के लिए अभी काफी तैयारियों की आवश्यकता है. इन चुनाव परिणामों से साफ है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में जनता किसके साथ होगी, इसका कोई साफ संकेत फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा है. ऐसे में चिंतन के स्थान पर जश्न में खुशी से अधिक दिखावा दिखाई दे रहा है.

HIGHLIGHTS

‘सिंधिया के गढ़ में हारी भाजपा, दिग्विजय को भी झटका’
‘बड़े शहरों में टक्कर, छोटे स्थानों पर लहराया भगवा’
‘7 पर भाजपा, 3 पर कांग्रेस, 1 पर जीती आप’

Source : Nitendra Sharma

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