मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को हाईकोर्ट ने झटका दिया है. दरअसल भोपाल निवासी राकेश दीक्षित ने सांसद प्रज्ञा सिंह पर अपने चुनाव प्रचार में भड़काऊ भाषण और धर्म के आधार पर वोट मांगने का आरोप लगाया था. इसके इसके एवज में सांसद की ओर से एक आवेदन दायर कर याचिका तकनीकि आधारों पर सुनवाई योग्य ना होने की दलील दी थी. जिसको शुक्रवार को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
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क्या है पूरा मामला
याचिका को भोपाल निवासी राकेश दीक्षित ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने चुनाव प्रचार में भड़काऊ भाषण और धर्म के आधार पर वोट मांगे थे. इसलिए उनका निर्वाचन शून्य घोषित किया जाना चाहिए. याचिका मे कहा गया है कि लोकप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 के मुताबिक कोई भी प्रत्याशी धार्मिक आधार पर वोट नहीं मांग सकता. लिहाजा साध्वी प्रज्ञा सिंह का निर्वाचन भी रद्द किया जाना चाहिए. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह की ओर से एक आवेदन दायर कर याचिका तकनीकि आधारों पर सुनवाई योग्य ना होने की दलील दी थी.
मामले पर 30 नवंबर को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने भोपाल संसदीय चुनाव में इस्तेमाल की गईं, ईवीएम और वीवीपैट को स्ट्रांग रुम से रिलीज करने की चुनाव आयोग की मांग भी मान ली है. चुनाव आयोग ने दलील दी थी कि याचिका में ईवीएम पर कोई सवाल नहीं उठाए गए हैं. लिहाजा उन्हें स्ट्रांग रुम से रिलीज करने की अनुमति दे दी जानी चाहिए.
Source : News Nation Bureau