विधानसभा उपाध्यक्ष को लेकर मध्य प्रदेश असेंबली में हंगामा जारी है. हंगामें के बीच लांजी से विधायक हिना कावरे विधानसभा की उपाध्यक्ष बनीं हैं. इससे पहले बीजेपी ने गुप्त मतदान की मांग की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है. इससे खफा बीजेपी सदस्य नारेबाजी की. हंगामें को देखते हुए सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई थी. Bjp ने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगाया है. बीजेपी का आरोप है कि पहले दिन से ही विपक्ष को दबाने की कोशिश की जा रही है.
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कांग्रेस का कहना है कि सदन की परम्परा हमने नहीं तोड़ी है . परम्परा Bjp ने तोड़ी है . कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि भाजपा को अजीर्ण हो गया है. उनका सत्ता का नाश उतरा नहीं है. अब उन्हें बाबा जी का ठेंगा ही मिलेगा. चुनाव का जवाब चुनाव से दिया जाएगा. दौलत से विधायक का स्वाभिमान खरीदना चाहती है. टाइगर की पूंछ नीची हो गई है. उन्हें अब एक अच्छा इंसान बन जाना चाहिए.
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बता दें Madhya pradesh की 15वीं विधानसभा के लिए आज उपाध्यक्ष चुन लिया जाएगा. बुधवार को उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस से हिना कांवरे ने नामांकन दाखिल किया था. बीजेपी की तरफ से जगदीश उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार होंगे. उन्होंने भी बुधवार को नामांकन दाखिल किया. विधानसभा की परंपरा के अनुसार अबतक ये पद विपक्ष को दे दिया जाता था, लेकिन मंगलवार को अध्यक्ष पद के चुनाव के समय हुए घटनाक्रम के बाद अब कांग्रेस ने उपाध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी खड़ा किया है.
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नामांकन के बाद हिना ने कहा कि मैंने आज विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए पर्चा भरा है . परम्परा हमने नहीं बल्कि Bjp ने तोड़ी है. लोकतंत्र की हत्या Bjp ने की है .इसलिए अब हम भी Bjp की कोई बात नहीं मानेंगे . हमारे पास बहुमत है. हम कल फिर बहुमत साबित करेंगे .
मंगलवार को सदन में अध्यक्ष के चुनाव के दौरान जोरदार हंगामा हुआ था. प्रोटेम स्पीकर ने नियमों का हवाला देकर एनपी प्रजापति को अध्यक्ष घोषित कर दिया था. इस हंगामें को लेकर सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई थी. इसके बाद विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के साथ बीजेपी के तमाम विधायक सदन से बाहर आ गए. बाहर आकर बीजेपी ने घोषणा की कि वह प्रोटेम स्पीकर के खिलाफ राजभवन तक पैदल मार्च करेंगे और राज्यपाल को अपने ग्रुप से अवगत कराएंगे . बीजेपी के तमाम विधायक विधानसभा से राजभवन तक पैदल मार्च करते हुए पहुंचे.
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मध्य प्रदेश के इतिहास में ये तीसरा मौका था जब विधानसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ. सबसे पहले 27 मार्च 1962 को विधानसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ था. उस समय कुंजीलाल दुबे के सामने रामेश्वर अग्निभोज चुनाव मैदान में थे. इस चुनाव में कुंजीलाल दुबे को सफलता मिली. उन्हें जहां 187 वोट मिले वहीं अग्निभओज को महज 91 वोट मिले. वहीं दूसरी बार 24 मार्च 1967 को प्रदेश में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हुआ. इस बार काशी प्रसाद पांडे को जीत मिली थी.
बता दें मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण के बाद वित्तमंत्री तरुण भनोत ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए विधानसभा में 22 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया था. जिसमें कर्जमाफी योजना के लिए पांच हजार करोड़ रुपए, मेट्रो परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपए, सड़क निर्माण के लिए पौने दो हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
Source : News Nation Bureau