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MP नगर निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के नई नेता बागी, जानें वजह

मध्य प्रदेश में नगर निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में कई नेता बागी हो गए हैं, क्योंकि उन्हें टिकट नहीं मिला है. इसके बाद बीजेपी जहां बागियों के खिलाफ सख्त नजर आ रही है तो कांग्रेस मनाने के साथ अनुशासनहीनता की कार्रवाई करने की भी बात कर रही.

Updated on: 21 Jun 2022, 05:33 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में नगर निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में कई नेता बागी हो गए हैं, क्योंकि उन्हें टिकट नहीं मिला है. इसके बाद बीजेपी जहां बागियों के खिलाफ सख्त नजर आ रही है तो वहीं कांग्रेस मनाने के साथ अनुशासनहीनता की कार्रवाई करने की भी बात कर रही है. मध्य प्रदेश में नगरी निकाय चुनाव की बेला है, ऐसे में प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के ही कई उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. देखिए ये रिपोर्ट...

हालांकि, पार्टी ने लगभग सभी के टिकट फाइनल कर दिए हैं, लेकिन अभी भी ऐसे कई पार्टी के कार्यकर्ता हैं जिन्होंने अपना नामांकन वापस नहीं लिया है. राजधानी भोपाल की ही बात करें तो 85 वार्डों में बीजेपी और कांग्रेस के कई दावेदारों ने अपने नामांकन दाखिल कर दिए हैं. हालांकि, दोनों ही दलों ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी कर दिया है.

एक वार्ड से लगभग 4 से 5 पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपना-अपना नामांकन दाखिल किया है, जो कहीं ना कहीं राजनीतिक पार्टियों के द्वारा घोषित किए गए प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. अब ऐसे कार्यकर्ताओं को मनाने का काम ही किया जा रहा है तो वहीं धमकी भरे शब्द भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं. बीजेपी ने अपने बागी हो रहे कार्यकर्ताओं को सख्त लहजे में कह दिया है कि वह अपना-अपना नामांकन फॉर्म वापस ले. अन्यथा संविधान के आधार पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

हालांकि, कार्यकर्ताओं की नाराजगी सिर्फ बीजेपी में ही नहीं कांग्रेस में भी है. और कांग्रेस में भी कई कार्यकर्ताओं ने अपना नामांकन दाखिल किया है. कांग्रेस का कहना है कि वह लगकर अपने कार्यकर्ताओं को समझा रहे हैं. उन्हें बुला रहे हैं, और उनसे बात कर रहे हैं. उसके बाद भी अगर वे नहीं मानते हैं तो अनुशासनहीनता के तहत कार्रवाई की जाएगी.

नगरी निकाय चुनाव आने पर सभी कार्यकर्ताओं में एक उमंग और उम्मीद होती है कि पार्टी उन्हें टिकट देगी, लेकिन कई बार उनकी उम्मीदें पूरी नहीं हो पातीं और वह अपनी ही पार्टी के कैंडिडेट के खिलाफ अपना नामांकन दाखिल कर देते हैं. लेकिन, ऐसे में अब राजनीतिक पार्टियां भी इन्हें समझाने का काम कर रही हैं. हालांकि, सत्ताधारी दल भाजपा जहां अपने कार्यकर्ताओं को डराते हुए नामांकन वापस लेने की चेतावनी दे रही है तो वहीं कांग्रेस बातचीत कर कार्यकर्ताओं को मनाने में जुटी हुई है.