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दूसरे चरण में भाजपा ने गंवाएं 3 निगम, नगर पालिकाओं में मारी बाजी

मध्यप्रदेश में दूसरे चरण की मतगणना के बाद 16 नगर  निगमों के परिणाम साफ हो गए हैं. दूसरे चरण में 5 नगर निगमों में से 2 पर कांग्रेस, 2 पर भाजपा और 1 पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है.

Updated on: 20 Jul 2022, 11:28 PM

highlights

  • 16 नगर निगमों में से 9 में भाजपा जीती
  • 5 में कांग्रेस, 1 में आप और 1 में निर्दलीय जीते
  • भाजपा के हाथ से खिसक गए 7 नगर निगम

भोपाल:

मध्यप्रदेश में दूसरे चरण की मतगणना के बाद 16 नगर  निगमों के परिणाम साफ हो गए हैं. दूसरे चरण में 5 नगर निगमों में से 2 पर कांग्रेस, 2 पर भाजपा और 1 पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. भाजपा से देवास में गीता अग्रवाल और रतलाम में प्रहलाद पटेल ने जीत दर्ज की है. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशियों में मुरैना से शारदा सोलंकी और रीवा से अजय मिश्रा ने विजय पताका फहराया है. कटनी नगर निगम निर्दलीय प्रीति सूरी ने जीती है. सूरी भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरी थीं. पहले दौर में 11 नगर निगम में से 7 में भाजपा, 3 में कांग्रेस और 1 सीट पर आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की थी. दोनों चरणों के परिणाम आने के बाद 9 नगर निगम में  भाजपा का कब्जा बरकरार है. वहीं, 5 नगर निगमों कब्जा जमाने में कांग्रेस कामयाब रही. वहीं, 1 पर आप और 1 पर निर्दलीय महापौर निर्वाचित हुए हैं.

2014 के नगरीय निकाय चुनावों में सभी 16 नगर निगमों पर  भाजपा ने जीत दर्ज की थी. इस बार इसमें से 7 नगर निगम भाजपा के हाथ से निकल गए हैं. नगर निगमों की तुलना में नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के परिणाम भाजपा के पक्ष में गए हैं. दूसरे चरण में 40 नगर पालिकाओं में से 35 में भाजपा और निर्दलीयों का बहुमत है. वहीं, 5 नगर पालिकाओं में कांग्रेस को बहुमत मिला है. दोनों चरण मिलाकर 76 नगर पालिकाओं में से 61 में भाजपा को बहुमत मिला है. वहीं, नगर परिषदों में दूसरे चरण में 169 में से 149 में भाजपा ने जीत दर्ज की है. दोनों चरणों को मिलाकर 255 नगर परिषदों में से 213 में भाजपा ने जीत दर्ज की है.

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इस चुनाव में जहां बड़े शहरों में कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी है. वहीं, छोटे स्थानों पर भाजपा ने एकतरफा जीत दर्ज की है. छोटे नगरों में भाजपा की जीत का कारण अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव को भी माना जा रहा है. नगर निगमों में सीधे महापौर के चुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला देखने को मिला था.