MP के राज्यपाल लालजी टंडन से BSP सुप्रीमो मायावती का था ये खास रिश्ता
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर सियासी हलकों में शोक की लहर है. तमाम बड़े नेताओं ने टंडन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्घांजलि अर्पित की है. टंडन काफी समय से बीमार चल रहे थे और लखनऊ के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर सियासी हलकों में शोक की लहर है. तमाम बड़े नेताओं ने टंडन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्घांजलि अर्पित की है. टंडन काफी समय से बीमार चल रहे थे और लखनऊ के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. बता दें कि बीते 11 जून को मेदांता अस्पताल में भर्ती हुए लालजी टंडन की तबीयत 15 जून को अधिक बिगड़ गई थी. पेट में ब्लीडिंग होने पर उनका ऑपरेशन भी किया गया था. इसके बाद से वह लगातार वेंटिलेटर पर थे. मेदांता के निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने बताया कि उनकी तबीयत ज्यादा गंभीर है. उन्हें फुल सपोर्ट पर रखा गया था.
राज्यपाल टंडन के निधन की खबर मिलते ही राज्य के सियासी जगत में शोक की लहर दौड़ गई. पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत तमाम नेताओं ने उन्हों श्रद्धांजलि दी. यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी लालजी टंडन के निधन पर शोक व्यक्त किया. बता दें कि लालजी टंडन मायावती के राखी भाई थे, सालों पहले वो उन्हें राखी बांधती थी.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड में मायावती की जान बचाने में लालजी टंडन की भी बड़ी भूमिका थी. जिसके बाद से मायवती लालजी टंडन को अपना भाई मानने लगी और हर रक्षाबंधन को उन्हें राखी भी बांधती थीं. मायावती और लालजी टंडन का बहन-भाई का रिश्ता काफी चर्चा में रहा था. उस समय लालजी टंडन उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी हुआ करते थे, उसी दौरान मायावती उन्हें राखी बांधती थीं. लेकिन जब 2003 में बीजेपी और बसपा का गठबंधन टूटा तो मायावती ने लालजी टंडन को राखी बांधना छोड़ दिया.
बता दें कि बता दें कि साल 1993 में सपा-बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था और राज्य में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनाई गई. लेकिन दो साल के बाद इस गठबंधन में दरार पड़ गई थी. 2 जून 1995 को लखनऊ के मीरा रोड स्थित गेस्ट हाउस मायावती ने विधायकों की एक बैठक बुलाई थी. जब इस बैठक के बारे में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को पता चला तो उनकी पार्टी के विधायकों और नेताओं ने सैकड़ों समर्थकों के साथ गेस्ट हाउस पर हमला बोल दिया था.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले टंडन प्रदेश की भाजपा सरकारों में कई बार मंत्री भी रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी के रूप में जाने जाते रहे. इन्होंने वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी और निधन बाद लखनऊ से ही 15वीं लोकसभा के लिए भी चुने गए. लालजी टंडन को 2018 में बिहार का गवर्नर बनाया गया. इसके बाद 2019 में उन्हें मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया.
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