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MP में अब खुले बोरवेल में किसी बच्चे के गिरने पर रेस्क्यू का पूरा खर्च बोरवेल वाले से वसूलेगी सरकार

मध्य प्रदेश हो या फिर छत्तीसगढ़ हम लगातार देख रहे है की समय समय पर ये घटना देखने को मिलती है की कोई मासूम खुले बोरवेल में गिर गया । बच्चे के रेस्क्यू में NDRF , SDRF और प्रशासन हर कोई जुट जाता है ।

Updated on: 30 Jun 2022, 11:06 AM

News Delhi :

मध्य प्रदेश हो या फिर छत्तीसगढ़ हम लगातार देख रहे है की समय समय पर ये घटना देखने को मिलती है की कोई मासूम खुले बोरवेल में गिर गया । बच्चे के रेस्क्यू में NDRF , SDRF और प्रशासन हर कोई जुट जाता है । करोड़ों रु खर्च होते है । मगर अब मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा  ने ऐलान कर दिया है की  “खुला बोरवेल छोड़ने और इस प्रकार की घटना घटित होने पर भविष्य में रेस्क्यू का पूरा खर्च संबंधित बोरवेल वाले से वसूल किए जाने के संबंध में गंभीरता से विचार किया जा रहा है ।”  इस फ़ैसले से अब लोगों में भी गम्भीरता आएगी । 

बुधवार को छतरपुर में 4 साल का मासूम बोरवेल में गिरा

मध्य प्रदेश के छतरपुर में 4 वर्ष का मासूम दीपेन्द्र 25 फ़ीट गहराई में बोरवेल में फँस गया । क़रीब 7 घंटे के रेस्क्यू के बाद दीपेन्द्र को सही सलामत निकाला गया । इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना ने भी मोर्चा सम्भाला था । फ़िलहाल दीपेन्द्र का स्वस्थ है और उसे अस्पताल में मेडिकल चेक अप के लिए ले ज़ाया गया है ।  


CG में 104 घंटे तक चला था अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के पिरहिद गांव में  बोरवेल में 11 साल का  राहुल पाँच दिनों तक फँसा रहा ।  क़रीब  104 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया है. राहुल 65 फीट गहरे बोरवेल में फँसा था । बोरवेल से निकाले जाने के बाद बच्चे की मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने जांच की और फिर उसे विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में एम्बुलेंस के जरिए बिलासपुर जिले के अपोलो अस्पताल भेजा गया. इसके लिए लगभग 100 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है. एनडीआरएफ, से