logo-image

एमपी में व्यापारी किसानों की 70 लाख की फसल लेकर चंपत : दिग्विजय सिंह

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नए कृषि कानून के जरिए होशंगाबाद जिले में किसानों के साथ 70 लाख की ठगी होने का आरोप लगाया है. होशंगाबाद जिला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर का पड़ोसी जिला है.

Updated on: 25 Dec 2020, 10:19 AM

भोपाल:

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नए कृषि कानून के जरिए होशंगाबाद जिले में किसानों के साथ 70 लाख की ठगी होने का आरोप लगाया है. होशंगाबाद जिला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर का पड़ोसी जिला है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, 'राज्य में नए कृषि कानूनों के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं. कृषि उपज मंडी समितियों को दरकिनार कर खुले बाजार में खाद्यान्न बेचने के दुष्परिणाम अब सामने आने लगे हैं. सिर्फ पैन कार्ड के सहारे करोड़ों की फसल खरीदने के लिये फर्जी व्यापारी गांवों में घुस गये हैं. होशंगाबाद जिले की सिवनी मालवा तहसील के ग्राम नंदरवाड़ा में 60 से अधिक किसानों से धान, मूंग, मक्का आदि खरीदकर एक व्यापारी बिना भुगतान किये गायब हो गया.'

और पढ़ें: एक और किसान आंदोलन की तैयारी, यह होगा कानून के समर्थन में

कांग्रेस नेता सिंह ने मुख्यमंत्री चौहान से मांग की है कि प्रदेश के एक करोड़ से अधिक छोटे-छोटे किसानों के हित में तीनों काले कानून मध्यप्रदेश में लागू नहीं किये जाएं. कृषि उपज मंडियों के मार्फत ही व्यापारी सौदा कर किसानों के हितों की रक्षा करें.

राज्य सभा सांसद सिंह ने एक अन्य मामले का हवाला देते हुए में बताया कि, "होशंगाबाद जिले की पिपरिया तहसील में एक राईस कम्पनी ने पहले तो बीज देकर किसानों से बिना कानूनी अनुबंध किये अच्छी कीमत में धान खरीदने के सब्जबाग दिखाये. जब किसानों ने धान पैदा कर ली तो बढ़ी कीमतों पर बिना बोनस दिये धान खरीदने की कोशिश की. इस मामले में वरिष्ठ नेता पुष्पराज सिंह की शिकायत के बाद एस.डी.एम. ने हस्तक्षेप कर कम्पनी को धान खरीदने के निर्देश दिये."

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, "केंद्र सरकार किसानों की आड़ लेकर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों और बड़े कॉर्पोरेट घरानों के लिये रेड कारपेट बिछाने का षड़यंत्र कर रही है. जिससे देश के 15 करोड़ किसान शोषण का और 90 करोड़ गरीब लोग महगांई का शिकार बनेंगे. केंद्र सरकार को अपनी जिद छोड़कर तीनों कानून वापस लेकर किसानों को एम.एस.पी. देने का कानून बनाना चाहिये."