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MP के स्कूलों में अगले सत्र से ड्रेस कोड लागू, विरोध में उतरे मुस्लिम नेता

हिजाब को लेकर चल रहे विवाद के बीच मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान सामने आया है. ऑल इंडिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर औसाफ़ शाहमीर खुर्रम ने विरोध जताया है.

Updated on: 09 Feb 2022, 02:56 PM

highlights

  • कर्नाटक में स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब को लेकर चल रहा विवाद 
  • मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान सामने आया
  • कहा, हिजाब पहनने के मुद्दे पर देश के माहौल को खराब किया जा रहा

नई दिल्ली:

हिजाब मामले में मध्य प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री ने पांबदी का समर्थन किया है. एमपी के स्कूलों में अगले सत्र से यूनिफॉर्म नीति लागू करने के बयान पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के सामने मुस्लिम समाज ने अपना पक्ष रखा है. ऑल इंडिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर औसाफ़ शाहमीर खुर्रम का कहना है कि हर मजहब की अपनी परंपराएं हैं, चाहे हिंदू हो या मुस्लिम या फिर पंजाबी इन परंपराओं के विरुद्ध जाकर सरकार कोई भी निर्णय करेगी तो हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे. इसी तरह हिंदू धर्म में भी अपनी पारंपरिक वेशभूषा हैं. हिजाब इसलिए लगाया जाता है क्योंकि महिलाओं की बेपर्दगी न हो. यह हमारा संवैधानिक अधिकार है कि कौन क्या पहनेगा.

कर्नाटक में स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब को लेकर चल रहे विवाद को लेकर मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान सामने आया है. परमार ने मंगलवार को कहा कि हिजाब ड्रेस का हिस्सा नहीं है. इसलिए इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए. उन्होंने कहा, भारत की मान्यता है कि जिस परंपरा में लोग निवास करते हैं, उसका पालन होना चाहिए. ये जानबूझ कर देश का माहौल करने की कोशिश की जा रही है. स्कूल और कॉलेज में ड्रेस कोड का अपना महत्व है. हिजाब कोई ड्रेस कोड नहीं है. ऐसे में इस पर पाबंदी लगाना उचित है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के स्कूलों में 'ड्रेस कोड' लागू किया जाएगा, ताकि सभी स्कूली विद्यार्थियों में समानता का भाव उत्पन्न हो. उन्होंने आरोप लगाया कि हिजाब एवं बुर्का पहनने के मुद्दे पर देश के माहौल को खराब करने का सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है.

क्या है पूरा हिजाब विवाद

ह‍िजाब विवाद जनवरी में उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय से आरंभ हुआ था. कॉलेज में छह छात्राएं तय ड्रेस कोड का उल्लंघन कर हिजाब पहनकर कक्षा में पहुंच गई थीं. इसी तरह के मामले कुंडापुर और बिंदूर के कुछ अन्य कॉलेजों में भी आए. ऐसे में मुस्लिम छात्राओं को हिजाब में कॉलेजों या कक्षाओं में जाने की इजाजत नहीं मिली. इस पर प्रति​क्रिया व्यक्त करते हुए हिंदू छात्र भगवा शॉल लेकर शैक्षणिक संस्थानों में आ रहे हैं.

कोर्ट पहुंचा मामला

बेलगावी के रामदुर्ग महाविद्यालय और हासन, चिक्कमंगलुरु और शिवमोगा में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब या भगवा शॉल के साथ छात्र-छात्राओं के आने की घटना सामने आई है. मामला कर्नाटक हाई कोर्ट में पहुंच गया है. कुछ छात्राओं ने कॉलेज में हिजाब पहनकर जाने की इजाजत मांगी है. इस बीच कुंदापुर में एक निजी महाविद्यालय की दो और छात्राओं ने याचिका दायर कर इसकी अनुमति देने का अनुरोध किया है.