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MP Crisis: विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए तत्पर, कैद में हैं कांग्रेस विधायक: मुख्यमंत्री कमलनाथ

राजभवन में टंडन से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा, कभी भी शक्ति परीक्षण किया जा सकता है. मैंने होली के मौके पर राज्यपाल को शुभकामनाएं दी हैं. हमारे 22 विधायकों को बंदी बनाकर रखा गया है.

Updated on: 13 Mar 2020, 04:56 PM

दिल्ली:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए तत्पर रहने की बात करते हुए भाजपा पर कांग्रेस विधायकों को कैद में रखने का आरोप लगाया है. कमलनाथ ने शुक्रवार को यहां राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की और उन्हें एक सत्र सौंपा. पत्र में उन्होंने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल होने और कांग्रेस के विधायकों को कैद में रखने का आरोप लगाया है. राजभवन में टंडन से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा, कभी भी शक्ति परीक्षण किया जा सकता है. मैंने होली के मौके पर राज्यपाल को शुभकामनाएं दी हैं. हमारे 22 विधायकों को बंदी बनाकर रखा गया है. वहीं भोपाल एयरपोर्ट पर भारी संख्या में कांग्रेस और बीजेपी के समर्थक एकत्र हो रहे थे ये समर्थक कहीं किसी बात को लेकर आपस में भिड़ न जाएं इसके लिए सावधानी बरतते हुए भोपाल हवाई अड्डे पर धारा- 144 लगा दी गई है.  

मैंने उन्हें एक पत्र सौंपकर भाजपा द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया है. मैंने मांग की है कि इन विधायकों को तुरंत रिहा किया जाए. कांग्रेस प्रवक्ता द्वारा मीडिया को जारी इस पत्र में कमलनाथ ने 16 मार्च से शुरु होने वाले बजट सत्र के दौरान शक्ति परीक्षण कराने की अपनी इच्छा व्यक्त की है मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक जिम्मेदार नेता के रूप में मैं अध्यक्ष द्वारा पहले से ही अधिसूचित निर्धारित तिथि पर 16 मार्च, 2020 से मध्यप्रदेश विधान सभा के आगामी सत्र में अपनी सरकार के शक्ति परीक्षण का स्वागत करूंगा.

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मध्यप्रदेश में विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग हुईः कमलनाथ
कमलनाथ ने राज्यपाल से आग्रह किया, महामहिम हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप अपने पद का उपयोग संवैधानिक प्रमुख के रूप में केंद्रीय गृह मंत्री के साथ कर सकते हैं ताकि बेंगलुरु में बंदी बने विधायकों की रिहाई सुनिश्चित की जा सके. मुख्यमंत्री ने पत्र में तीन मार्च की रात और चार मार्च से 10 मार्च तक हो रहे राजनीतिक घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए इस दौरान खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया. उन्होंने पत्र में इन परिस्थितियों को मद्देनजर लोकतंत्र को खतरे में बताया. विधायकों के इस्तीफे पर कमलनाथ ने पत्र में कहा, भाजपा नेताओं द्वारा सौंपे गए कांग्रेस के इन विधायकों के त्यागपत्र की हम जांच कराये जाने की आपसे उम्मीद करते हैं.

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कांग्रेस नेताओं को कैद करके रखा गया हैः कमलनाथ
उन्होंने आरोप लगाया कि इन कांग्रेस नेताओं को कब्जे में रखा गया है और इनको जल्द मुक्त करने के लिए कार्रवाई हो. मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में राज्यपाल से बेंगलुरु में बंधक बनाकर रखे गए इन विधायकों को मुक्त कराया जाना सुनिश्चित करने के लिए अपने कार्यालय का उपयोग करने के लिए भी कहा है. सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के बाद उनके समर्थक मंत्रियों और विधायकों के कांग्रेस से कथित तौर बागी होने से प्रदेश की कांग्रेस सरकार गहरे संकट में आ गई है. सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने अपने त्यागपत्र दे दिए हैं. इनमें से अधिकांश विधायक बेंगलुरु में ठहरे हुए हैं.

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कांग्रेस विधायकों ने दबाव में दिया त्यागपत्रः कमलनाथ
कांग्रेस ने इन विधायकों के भाजपा के कब्जे में होने और दबाव में आकर त्यागपत्र दिलवाने का आरोप लगाया है. अपुष्ट खबरों के अनुसार सिंधिया खेमे के करीबी माने जाने वाले छह मंत्री विधानसभा अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र सौंपने के लिए बेंगलुरु से शुक्रवार को भोपाल आएंगे. विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि विधायक सामने आकर त्यागपत्र देंगें तब नियमानुसार इन पर कार्रवाई की जाएगी. अध्यक्ष ने इस मामले में विधायकों को नोटिस जारी किया है. कमलनाथ शुक्रवार का राज्यपाल से राजभवन में मिले. राज्यपाल टंडन गुरुवार रात को ही लखनऊ से भोपाल पहुंचे हैं.