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MP Covid-19: एमपी के ग्रामीण इलाकों में कोरोना रोकना बड़ी चुनौती

मध्यप्रदेश में एक तरफ जहां शहरी इलाकों में कोरोना का कहर बरपा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका सताने लगी है . राज्य सरकार भी इन हालातों से वाकिफ है .

Updated on: 07 May 2021, 01:33 PM

भोपाल:

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में एक तरफ जहां शहरी इलाकों में कोरोना (Coronavirus) का कहर बरपा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका सताने लगी है . राज्य सरकार भी इन हालातों से वाकिफ है . यही कारण है कि उसने ग्रामीण इलाकों में कोरोना को रोकने के लिए कार्य योजना बनाने के लिए कहा है. अब तक यह माना जाता रहा है कि कोरोना का असर सिर्फ शहरी इलाकों तक ही है और ग्रामीण इलाके पूरी तरह सुरक्षित हैं मगर बीते कुछ दिनों में जो खबरें सामने आ रही हैं वह बता रही हैं कि ग्रामीण इलाके में भी संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.

आलम यह है कि कई गांव ऐसे हैं जहां घर-घर में मरीज है . उनमें अधिकांश सर्दी, जुकाम और बुखार से पीड़ित हैं. जांच कराने को लेकर आम लोगों में भ्रम है , साथ में दहशत भी है. यही कारण है कि कोरोना संक्रमण की जांच कराने लोग जिला मुख्यालय नहीं जा रहे हैं. वहीं ग्रामीण इलाकों में इस तरह की जांच की सुविधा अब तक नहीं है.

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वर्तमान दौर में जो आंकड़े भी सामने आ रहे हैं वे भी बता रहे हैं कि छोटे जिलों में भी संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. इस संक्रमण के पीछे दो बड़े कारण बताए जा रहे हैं एक तो हरिद्वार कुंभ से बड़ी संख्या में लौटे लोग और दूसरी ओर मजदूरों की अपने घरों को वापसी. कई गांव में तो बाहर से लौटे लोगों को क्वारेंटाइन करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए मगर कई इलाके ऐसे हैं जहां बाहर से लौटे लोग सीधे गांव में पहुंच गए, अगर वे संक्रमित थे तो उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित कर दिया है.

कई इलाकों के गांव के लोग भी बीमारी को लेकर सतर्क और सजग हैं. यही कारण है कि कई गांव में जनता कर्फ्यू पर अमल लिया जा रहा है. गांव के बाहर बैरियर लगा दिया गया है और बाहर से आने वालों को गांव में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. गांव का जो आदमी लौटा है उसे किसी भवन में क्वारंटीन किया जा रहा है.

राज्य सरकार भी मानती है कि ग्रामीण इलाकों में संक्रमण बढ़ रहा है इसलिए उसे रोके जाने की जरूरत है. यही कारण है कि ' मेरा गांव कोरोना मुक्त गांव' अभियान चलाया जा रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज िंसंह चौहान ने कहा है कि गांवों में हमारी दो टीमें काम करेंगी. एक टीम घर-घर सर्वे करेगी और सर्दी, जुकाम, बुखार वालों की पहचान करेगी. हमारी दूसरी टीम लक्षण के अनुसार व्यक्ति को दवा और मेडिकल किट तत्काल प्रदान करने का काम करेगी. साथ ही यदि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के घर में जगह नहीं है, तो स्कूल भवन या पंचायत भवन अथवा कोविड केयर सेंटर में ले जायें. कोविड केयर सेंटर में इलाज, चाय, नाश्ता, भोजन आदि सबकी व्यवस्था है.