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एमपी में कोरोना से मौतों के आंकड़ों पर छिड़ा सियासी संग्राम, कार्यकर्ता सड़क पर आए

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है. सरकार और भाजपा सीधे तौर पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ पर हमलावर है तो दूसरी ओर कांग्रेस भी दो-दो हाथ करने को तैयार है.

Updated on: 25 May 2021, 09:08 AM

भोपाल:

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है. सरकार और भाजपा सीधे तौर पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ पर हमलावर है तो दूसरी ओर कांग्रेस भी दो-दो हाथ करने को तैयार है. कमल नाथ के खिलाफ भोपाल में मामला दर्ज हो गया है, तो वहीं सेामवार को पूरे प्रदेश में भाजपा ने रिपोर्ट दर्ज कराने आवेदन दिए और पुतला दहन किया. दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं न देने और लापरवाही के कारण हुई मौतों का आंकड़ा छुपाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी सहित अन्य पर प्रकरण दर्ज करने की मांग की है.

राज्य में कोरोना महामारी में मरीजों को इलाज न मिलने, नकली इंजेक्शन का उपयोग किए जाने, ऑक्सीजन की किल्लत जैसे कई मामले सामने आए है. राज्य सरकार ने चिकित्सकीय सामग्री व ऑक्सीजन सहित उपकरण की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की है. वहीं कोरोना से हुई मौतों को लेकर भ्रम बना हुआ है.

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सरकार की ओर से बताए जा रहे मौते के आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने तो दावा किया है कि कोरोना से सिर्फ मार्च व अप्रैल में ही एक लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं. इस दावे को सरकार नकार रही है. इसके बाद से ही दोनों दलों में संग्राम छिड़ा हुआ है. कमल नाथ के खिलाफ भाजपा की शिकायत पर रविवार को मामला भी दर्ज किया जा चुका है.

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के बयान का विरोध करते हुए भाजपा ने सोमवार को पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया. कमल नाथ द्वारा पिछले कुछ दिनों के भीतर दिए गए बयानों को देश विरोधी बताते हुए और आगजनी जैसी घटनाओं के लिए अपने लोगों को प्रोत्साहित करने वाले वार्तालाप के विरोध में सोमवार को भाजपा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने प्रदेशभर के मंडल स्तर तक थानों में कमल नाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे.

पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि कमल नाथ ने कोरोना संकट को लेकर समाज में भय का वातावरण बनाने के लिए झूठी बयानबाजी की है. इंडिया वेरिएंट जैसे शब्द का इस्तेमाल करके पूरी दुनिया में भारत की बदनामी कराई है. इस प्रकार के बयान देशद्रोह की श्रेणी में आते हैं. लिहाजा, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए.

एक तरफ जहां भाजपा ने पूरे प्रदेश में थानों में ज्ञापन सौंपकर कमल नाथ पर प्रकरण दर्ज करने की मांग की तो वहीं युवा मोर्चा ने प्रदेश में 173 स्थानों पर किया पूर्व मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया.

भाजपा द्वारा थाने में शिकायत किए जाने और विरोध प्रदर्शन का कांग्रेस ने भी अपने तरह से जवाब दिया. कांग्रेस की ओर से भी थाने में एक आवेदन देकर सरकार पर आरोप लगाया गया कि उसने मरीजों को समुचित स्वस्थ्य सुविधाएं नहीं दीं और मरीजों की लापरवाही के कारण मौत हुई साथ ही आंकड़े छुपाए गए. साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि "शिवराज सरकार चाहती है कि मैं चुप रहूं, जनता की आवाज न उठाऊं, उनके हक की लड़ाई न लड़ूं लेकिन मैं चुप नहीं बैठूंगा, जीवन की आखिरी सांस तक जनता के हित की लड़ाई लड़ता रहूंगा, कोई एफआईआर मुझे दबा नहीं सकती है."