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एमपी : रेमडेसीविर की कालाबाजारी पर 20 पर रासुका के तहत कार्रवाई

मध्य प्रदेश में कोरोना के मरीजों के उपचार में मददगार रेमडेसीविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जा रही है.

Updated on: 08 May 2021, 08:47 AM

highlights

  • मरीजों से अधिक शुल्क वसूलने पर 61 स्वास्थ्य संस्थाओं व व्यक्तियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की गई है
  • इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में 20 और ऑक्सीजन के मामले में 1 के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की गई है
  • कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जा रही है

 

भोपाल:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना के मरीजों के उपचार में मददगार रेमडेसीविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) और ऑक्सीजन (Oxygen) की कालाबाजारी (Black Marketing)  करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जा रही है. राज्य में इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में 20 और ऑक्सीजन के मामले में एक के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान  (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि कोविड-19 (Covid-19) महामारी के इलाज में आवश्यक इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी और ऑक्सीजन की आपूर्ति को बाधित करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाही की जा रही है.

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रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में लिप्त 20 व्यक्तियों और ऑक्सीजन की कालाबाजारी (Black marketing of Remdesivir and Oxygen) पर एक व्यक्ति के विरुद्ध रासुका के तहत प्रकरण दर्ज किये गये हैं. किसी भी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा.

रेमडेसिविर (Remdesivir) इंजेक्शन की कालाबाजारी पर इंदौर जिले में नौ व्यक्तियों, उज्जैन (Ujjain) जिले में आठ व्यक्तियों, जबलपुर (Jabalpur) जिले में दो व्यक्तियों और ग्वालियर जिले में एक व्यक्ति के विरुद्ध रासुका के तहत प्रकरण दर्ज किए गए हैं. इसी प्रकार ऑक्सीजन की कालाबाजारी पर एक व्यक्ति के विरुद्ध रासुका (NSA) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है.

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बताया गया है कि कोरोना मरीजों से अधिक शुल्क वसूलने पर 61 स्वास्थ्य संस्थाओं व व्यक्तियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की गई है. इनसे सात लाख 34 हजार रुपये की राशि मरीजों के परिजनों को वापस दिलाई गई है. इनमें से दो संस्थाओं का लाइसेंस निरस्त किया गया है और 22 व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है.

वर्तमान हालात पर गौर करें तो एक बात साफ नजर आती है कि ऑक्सीजन आसानी से नहीं मिल रही है और एक गैस का सिलेंडर कई-कई हजार में बिक रहा है. इतना ही नहीं रेमडेसीविर इंजेक्शन भी 50 हजार और एक लाख रुपये तक में बेचा जा रहा है . कुछ किलोमीटर तक मरीज अथवा शव को ले जाने की एवज में 10 हजार से 25 जार तक वसूले जा रहे हैं .