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CM कमलनाथ के निशाने पर आए इंदौर के कलेक्टर, शिवराज सिंह चौहान के थे खास!

पूर्व की शिवराज सरकार ने उन्हें प्रदेश के स्मार्ट सिटी, नदियों का शुद्धिकरण, फ्लाईओवर, एमआर सड़कों की जिम्मेदारी सहित कई काम उनकी निगरानी में किया जा रहा था.

Updated on: 28 Dec 2018, 09:01 AM

भोपाल:

मध्यप्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही अधिकारियों के तबादलों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने बुधवार देर रात इंदौर में कलेक्टर के पद पर कार्यरत निशांत वरवड़े का तबादला कर स्वास्थ्य मिशन का संचालक बना दिया गया है. वरवड़े जून 2017 से 18 महीने बाद यानि दिसंबर 2018 तक शहर के कलेक्टर बने रहे. अपने इस कार्यकाल के दौरान निशांत वरवड़े ने प्रदेश की कई अहम जिम्मेदारियां अपने कंधों पर ले रखी थीं.

शिवराज सरकार ने दे रखी थी ये जिम्मेदारियां

पूर्व की शिवराज सरकार ने उन्हें प्रदेश के स्मार्ट सिटी, नदियों का शुद्धिकरण, फ्लाईओवर, एमआर सड़कों की जिम्मेदारी सहित कई काम उनकी निगरानी में किया जा रहा था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार निशांत वरवड़े अपने कार्यकाल के दौरान कई बार विवादों में भी रहे. वरवड़े के विवादों की मुख्य वजह उनके खास लोगों को खुश रखना और उनकी कार्यशैली थी.

IPL से रहा है बड़ा विवाद

इन सभी विवादों के अलावा निशांत वरवड़े IPL मैचों को लेकर भी खासे विवाद में रहे थे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इंदौर के होलकर स्टेडियम में खेले गए मैचों को लेकर प्रशासन ने IPL मैनेजमेंट पर फ्री पास के लिए काफी दबाव बनाया. भोपाल के बड़े अधिकारियों सहित मंत्रियों के परिजनों ने भी होलकर स्टेडियम में खेले गए चार मैचों के लिए मुफ्त पास की मांग की थी. इस बात पर विवाद हुआ तो कलेक्टर निशांत वरवड़े ने एक भी पास लेने से साफ इंकार कर दिया. IPL मैनेजमेंट और प्रशासन के बीच विवाद नहीं थमा, लिहाजा किंग्स इलेवन पंजाब ने इंदौर में मैच नहीं कराने की धमकी दे डाली थी. लेकिन इन सभी विवादों के बाद मालूम चला कि प्रदेश प्रशासन ने 60 लाख रुपये के फ्री पास का जबरदस्त फायदा उठा लिया था.