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MP Bypolls: चुनावी बयानबाजी के बीच नेताओं के बिगड़े बोल पर EC हुआ सख्त, इन पर हुई कार्रवाई

मध्य प्रदेश में उपचुनाव से पहले चुनाव आयोग सख्त हो गया है. चुनावी रैली और बयानबाजी के बीच नेताओं के बिगड़े बोल के खिलाफ आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है. चुनाव आयोग ने एमपी मंत्री मोहन यादव के 'गलत भाषा' के इस्तेमाल के मामले में कार्रवाई की है.

Updated on: 31 Oct 2020, 01:15 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश में उपचुनाव से पहले चुनाव आयोग सख्त हो गया है. चुनावी रैली और बयानबाजी के बीच नेताओं के बिगड़े बोल के खिलाफ आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है. चुनाव आयोग ने एमपी मंत्री मोहन यादव के 'गलत भाषा' के इस्तेमाल के मामले में कार्रवाई की है. इसके मुताबिक, मोहन यादव राज्य में किसी भी सार्वजनिक सभा, जुलूस, रैलियों, रोड शो,  साक्षात्कार और मीडिया में सार्वजनिक भाषण देने पर पाबंदी लगा दी है. अब मंत्री एक दिन यानी 31 अक्टूबर किसी चुनावी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे.

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आयोग ने मोहन यादव के अलावा उषा ठाकुर को भी नोटिस जारी किया है.  उषा ठाकुर ने  20 अक्टूबर को इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से  'धर्म आधारित शिक्षा कट्टरता पनपा रही है', ऐसा बयान दिया था.  चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर मंत्री उषा ठाकुर से  48 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है.

इसके साथ ही आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक और धमकी भरी टिप्पणी के लिये भाजपा उम्मीवादर गिरराज दनोतिया को भी नोटिस जारी किया है. उन्होंने एक साक्षात्कार में टिप्पणी की थी. आयोग ने उन्हे 48 घंटे में नोटिस का जवाब देने के लिये कहा है.

मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव होने हैं, जिसके लिये प्रचार अभियान जारी है. एक नवंबर की शाम प्रचार थम जाएगा. चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा कि वह यादव को भेजे गए नोटिस पर उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है.

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आदेश में कहा गया है, ''आयोग का मानना है कि बयानों में शालीनता की सभी सीमाएं लांघते हुए असंयमित भाषा का इस्तेमाल किया गया.'' नोटिस में कहा गया है, ''लिहाजा चुनाव आयोग आपको आदर्श आचार संहिता के सामान्य आचार के प्रावधानों का उल्लंघन कर सभी सीमाएं लांघते हुए असंयमित भाषा का इस्तेमाल करने के लिये फटकार लगाता है. आपसे आशा की जाती है कि आप एक जिम्मेदार नेता की तरह चुनाव के समय इस प्रकार की अभद्रता दोबारा नहीं दिखाएंगे. ''

चुनाव आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 में प्रदत्त अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 31 अक्टूबर को दिनभर ''मध्य प्रदेश में कहीं भी'' यादव के चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है. 

वहीं बता दें कि  चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश राज्य की 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए प्रचार करते हुए आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करने के चलते कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा शुक्रवार को रद्द कर दिया.

प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर अहम उपचुनाव के प्रचार के दौरान ग्वालियर जिले के डबरा कस्बे की आम सभा में दलित समुदाय की भाजपा नेता इमरती देवी पर कथित अभद्र टिप्पणी के बाद से 73 वर्षीय कांग्रेस नेता कमलनाथ राज्य में सत्तारुढ़ भाजपा के नेताओं के निशाने पर चल रहे हैं. भाजपा ने इसके खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत दर्ज कराई थी. 

(भाषा इनपुट के साथ)