MP: भारतीय जनता पार्टी के नेता शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. मोहन यादव को मध्य प्रदेश के नया मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल मंगूभाई छगनभाई पटेल से मुलाकात की और उनको अपना इस्तीफा सौंप दिया. इस दौरान शिवराज चौहान के हावभाव काफी गंभीर दिखाई दिए. आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान भाजपा के ओर से सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले नेता माने जाते हैं. शिवराज सिंह चौहान ने ही विधायक दल की बैठक में मोहन यादव को सीएम बनाए जाने का प्रस्ताव रखा, जो सर्वसहमति से स्वीकार कर लिया गया. मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से बीजेपी के विधायक चुने गए हैं.
मोहन यादव लंबे अरसे से राज्य की सियासत में सक्रिय है उनके राजनीतिक सफर पर गौर किया जाए तो वह 1982 में उज्जैन के माधव विज्ञान महाविद्यालय के सह सचिव चुने गए थे और 1984 में छात्रसंघ के अध्यक्ष बने थे. उसके बाद उन्होंने 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की उज्जैन के नगर मंत्री की कमान संभाली और 1986 में विभाग प्रमुख बने. इतना ही नहीं 1988 में अभाविप के प्रदेश मंत्री बने और राष्ट्रीय कार्यक्रम समिति सदस्य भी बने. वह 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के मंत्री बनाए गए और 1991-92 राष्ट्रीय मंत्री चुने गए.
यादव 1993 से 1995 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उज्जैन नगर के शहर खंड कार्यवाह रहे और 1996 में खंड कार्यवाह तथा नगर कार्यवाह की जिम्मेदारी का निर्वहन किया. वह 1997 में भाजपा की प्रदेश समिति में सदस्य बने, 1998 में उन्हें पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया. वह 2004 से 2010 तक उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे. इतना ही नहीं 2011 से 2013 तक मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रहे. यादव 2013 में पहली बार विधायक बने. पार्टी ने 2018 में फिर उन पर भरोसा जताया और वह चुनाव जीते और 2023 में एक बार फिर निर्वाचित हुए और सीएम की कुर्सी तक पहुँच गये.
Source : News Nation Bureau