एमपी में विभाग बंटवारे पर फंसा पेंच, शिवराज की ताकत पर उठे सवाल
मध्यप्रदेश में पहले मंत्रिमंडल विस्तार में तीन महीने का समय लगने और फिर पोर्टफोलियो के बंटवारे को लेकर फंसे पेंच के बीच सियासी गलियारे में यह चर्चा तेज हो चली कि शिवराज सिंह चौहान अब पहले की तरह मजबूत नहीं रहे.
नई दिल्ली:
मध्यप्रदेश में पहले मंत्रिमंडल विस्तार में तीन महीने का समय लगने और फिर पोर्टफोलियो के बंटवारे को लेकर फंसे पेंच के बीच सियासी गलियारे में यह चर्चा तेज हो चली कि शिवराज सिंह चौहान अब पहले की तरह मजबूत नहीं रहे. कैबिनेट टीम के चयन से लेकर विभागों के बंटवारे में भी उनका प्रभाव कम हुआ है. ऐसे उठते सवालों को बीजेपी लीडरशिप ने खारिज किया है. पार्टी ने साफ किया है कि शिवराज सिंह चौहान का कद हमेशा की तरह आज भी मजबूत है. उन्हें सरकार चलाने की पूरी छूट है.
बीजेपी के एक शीर्ष स्तर के नेता ने कहा, "देखिए, दूसरे दल के 22 विधायक इस्तीफा देकर हमारे पास आए थे तो उनका पार्टी और सरकार में सम्मानजनक समायोजन हमारी पहली प्राथमिकता थी. 22 लोगों में कुछ को मंत्री बनाना, कुछ को दूसरी जिम्मेदारियां देकर सेट करना आसान काम नहीं होता. इसी बीच में कोरोना आ जाने से संगठन और सरकार का फोकस जनसेवा पर रहा. जिससे मंत्रिमंडल विस्तार में देरी हुई."
और पढ़ें: कभी कभी कड़वा घूंट पीकर करनी पड़ती है समाज सेवा : कैलाश विजयवर्गीय
बीजेपी नेता ने कहा कि जहां तक शिवराज सिंह चौहान के प्रभाव की बात है तो वह आज भी पार्टी की पार्लियामेंट्री कमेटी के मेंबर हैं. पार्टी में उनकी हैसियत आज भी मजबूत है. सरकार चलाने की बात है तो वह पहले की तरह ही चलाएंगे.
दरअसल, कमलनाथ सरकार गिरने के बाद 23 मार्च को पांच मंत्रियों के साथ शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. लेकिन, आगे तीन महीने तक मंत्रिमंडल विस्तार लटक गया. अप्रैल, मई और जून बीत गया, मगर नए मंत्री शपथ नहीं ले पाए. इस बीच कई दफा दिल्ली पहुंचकर शिवराज सिंह चौहान को पार्टी नेतृत्व से भेंट करनी पड़ी. कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया से शिवराज सिंह चौहान की भी मंत्रियों की लिस्ट को लेकर भेंट हुई.
माना गया कि शिवराज सिंह चौहान इस बार खुद टीम चुनने में सफल नहीं हो पा रहे हैं. वजह कि सिंधिया सहित पार्टी के कई धड़ों का उन पर खासा दबाव है. यह दबाव इसलिए काम कर रहा है, क्योंकि बहुमत हासिल करने से चूकी बीजेपी को कांग्रेस के बागी नेताओं के सहारे सरकार बनानी पड़ी है. 2 जुलाई को मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो फिर विभागों के बंटवारे पर पेंच फंस गया. सिंधिया खेमे से मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री मनमाफिक विभागों के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिए.
ये भी पढ़ें: एमपी में विभाग बंटवारे की कवायद जारी, BJP MLA ने संगठन को चेताया
ऐसे में सियासी गलियारे में चर्चा चल निकली कि मध्य प्रदेश में इस बार की सरकार में बतौर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भूमिका पहले जैसी नहीं होगी. क्योंकि उनकी टीम में कुल 12 विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया की टीम के हैं.
सिंधिया के सरकार में दखल के सवाल पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा, "देखिए सिंधिया को अब बाहर का मत समझिए, वह भी हमारे बीजेपी परिवार के सदस्य हैं. इसलिए कोई मंत्री न सिंधिया गुट का है न शिवराज या किसी और गुट का. हर मंत्री बीजेपी का है. कैप्टन शिवराज सिंह चौहान हैं, वह संगठन के साथ तालमेल बैठाकर राज्य सरकार पहले की तरह चलाएंगे."
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें