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Education Conclave 2025
Education Conclave 2025: न्यूजनेशन के एजुकेशन कॉन्क्लेव में मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी शामिल हुए. मंच पर उन्होंने कहा कि कोई भी कितनी भी टेक्निकल पढ़ाई हो, हर मातृभाषा में हो सकती है. इसमें कोई परेशानी नहीं है. हां कुछ शब्द दूसरी भाषा से लेने पड़ सकते हैं बाकि व्याकरण वगैरह तो हर मातृभाषा में संभव है. जब रूस में रूसी में, जर्मनी में जर्मन में डॉक्टरी की पढ़ाई हो सकती है तो हिंदी में क्यों नहीं. मुझे बताते हुए प्रसन्नता हो रही कि मैं जब मेडिकल कॉलेज की अनुमति देने वाली संस्था के अध्यक्ष से मिला और मैंने उन्हें बताया कि हम हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई करवाना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि हम मध्यप्रदेश से प्रेरणा ले रहे हैं, हम प्रयास कर रहे हैं कि हम तमिल, तेलेगु जैसी अन्य भाषाओं में मेडिकल की पढ़ाई करवा पाएं. कुछ लोगों को लगता है कि जो कुछ भी हो सकता है, वह सिर्फ इंग्लिश में ही हो सकता है, ये सिर्फ गुलामी की मानसिकता है और कुछ नहीं. मुझे लगता है कि जितनी अच्छी पढ़ाई संस्कृत में मेडिकल की होगी, उतनी अच्छी अन्य भाषाओं में पॉसिबल नहीं है.
क्या आलोचक ये नहीं कहेंगे कि आप समाज को पीछे धकेल रहे हैं, जब दुनिया अंग्रेजी में आगे बढ़ रही है और हम हिंदी-संस्कृत में लगे हैं. इस पर शिवाजी ने कहा कि अंग्रेजी कोई आधुनिक भाषा है, ऐसा बिल्कुल नहीं है. ये गुलामी की मानसिकता है. जब अमेरिका में अंग्रेजी और जर्मन में किसे मान्यता दी जाए, इसके लिए वोटिंग हुई तो एक वोट से अंग्रेजी जीत गई. अगर जर्मन जीत जाती तो आज लोग उसे ही मान लेते. हर भाषा में सब कुछ संभव है. अंग्रेजी में ही सब कुछ संभव है, ये सिर्फ गुलामी की मानसिकता है, आधुनिकता की नहीं.
कांग्रेस काल में प्रदेश में सिर्फ 5 मेडिकल कॉलेज, अब 19
राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी ने कहा- स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने 11 साल के कार्यकाल में डॉक्टरों की संख्या दोगुना कर दी है. मेडिकल कॉलेज दोगुना हो गए हैं. कांग्रेस काल में मध्य प्रदेश में 5 मेडिकल कॉलजे थे. बीते 1 साल के अंदर डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में 5 नए मेडिकल कॉलेज जोड़े गए. मौजूदा समय में 19 मेडिकल कॉलेज हैं. पीपी मोड की बात करें तो 30 मेडिकल कॉलेज काम कर रहे हैं. इस क्षेत्र में हम निश्चित रूप से तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.
अगले 4 साल किस तरह का रोल नजर आता है?
एजुकेशन कॉन्क्लेव है..मेडिकल एजुकेशन पर भी काम कर रहे हैं. आने वाले चार साल के अंदर हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो. इसे पूरा करने का लक्ष्य है. सबसे निचली ईकाई स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इनमें अन्य पैथियों को भी शामिल करने की कोशिश हैं. स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर रहेगा.
पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी के बारे में क्या बोले राज्यमंत्री
नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत यह विचार किया गया है कोई भी यूनिवर्सिटी हो वो इस तरह से हो सारे विष्य एक साथ लेकर चले. सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. इसमें तय किया गया है जितने भी आधुनिक कोर्स हों उन्हें जोड़ा जाएगा. जैसे एआई आदि. कार्यक्षेत्र के आस-पास जिस तरह की इंडस्ट्री लगी हुई है उस तरह के कोर्स हमारी यूनिवर्सिटी में पढ़ाए जाएंगे.