अनिश्चितकालीन अनशन कर रहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन (Narmada Bachao Andolan) की नेता मेधा पाटकर (Medha Patkar) ने नौ दिन के बाद अपना अनशन तोड़ दिया है. उन्होंने आंदोलन से जुड़े सभी आंदोलनकारियों के साथ अनशन को समाप्त करने का फैसला लिया है. अनशन के दौरान सीएम कमलनाथ (CM Kamalnat) ने राज्य के पूर्व मुख्य सचिव शरदचंद्र बेहार को मेधा पाटकर से चर्चा के लिए बड़वानी जिले में भेजा था.
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मेधा पाटकर लगातार 9 दिनों से अनशन कर रही थीं. इसकी वजह से उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं था. मेधा पाटकर की मांग थी कि गुजरात के सरदार सरोवर बांध (ardar Sarovar Dam) के विस्थापितों को उचुत पुनर्वास दिया जाए और ग्राणीणों को डूब और बाढ़ से राहत देने के लिए बांध के गेट को खोलकर पानी छोड़ा जाए.
इन मांगों को लेकर वह बड़वानी जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर की दूर छोटा बड़दा गांव में 26 अगस्त से अनिश्चितकालीन स्तायाग्रह आंदोलन कर रही हैं. यह गांव सरदार सरोवर बांध के बैकवाटर के जलमग्न क्षेत्र में पड़ता है.
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मेधा पाटकर के अनशन के बाद सीएम कमलनाथ ने कहा था कि ''मैं मेधा पाटकर और एनबीए के समस्त साथियों को यह आश्वस्त करना चाहूंगा कि मेरी सरकार डूब प्रभावितों के पूर्ण पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है. डूब प्रभावित समस्त दावों और मुद्दों का संपूर्ण निराकरण, नर्मदा घाटी के गांवों में कैंप लगाकर किया जाएगा. मैं मेधा पाटकर जी को पुनः आश्वस्त करना चाहूंगा कि वो अपना अनशन खत्म करें और डूब प्रभावितों के मुद्दों का त्वरित निराकरण करें.''
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सीएम कमलनाथ ने कहा कि पुनर्वास कार्यों में विस्थापितों की जनसहभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक डूब ग्राम की ग्राम स्तरीय पुनर्वास समिति एवं जिला स्तरीय पुनर्वास समिति गठित की है. इन समितियों में जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता एवं विस्थापितगण शामिल किए गए हैं.
सोमवार को प्रदेश की कैबिनेट मंत्री विजय लक्ष्मी साघौ ने अनशन स्थल पर जाकर मेधा पाटकर से मुलाकात की थी और आग्रह किया था कि वह अपना अनशन समाप्त कर दें. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनसे फोन पर बात भी करवाई थी. लेकिन फिर भी पाटकर ने अपना आंदोलन खत्म करने से मना कर दिया था.
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मेधा पाटकर ने अनशन के दौरान अपनी किसी भी तरह की मेडिकल जांच न करने की अनुमति दी थी. इस मामले में बड़वानी जिले के कलेक्टर अमित तोमर ने कहा था कि मैं उनकी तबीयत के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं कह सकता. प्रशासन के लगातार प्रयासों के बाद भी वह डॉक्टरों और मेडिकल दल को अपनी जांच नहीं करने दे रही हैं.
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आपको बता दें कि सरदार सरोवर बांध में 134 मीटर जलस्तर तक जलभराव किया गया है. बांध की अधिकतम क्षमता 138 मीटर है. यह बांध बनने के बाद पहली बार इतना जलभराव इसमें किया गया है. जलभराव होने से मध्य प्रदेश का बड़ा इलाका बैकवाटर से भर गया है.
HIGHLIGHTS
- 9 दिनों से मेधा पाटकर कर रहीं थीं अनशन
- सरदार सरोवर बांध के कारण आसपास बनी डूब की स्थिति
- 134 मीटर तक भरा गया बांध में पानी
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो