नर्मदा बचाओ आंदोलन: मेधा पाटकर अस्पताल से तो छूटीं, गिरफ्तार कर भेजी गईं जेल

नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर को बुधवार को अस्पताल से निकलने के बाद शाम के वक्त बड़वानी जाते समय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
नर्मदा बचाओ आंदोलन: मेधा पाटकर अस्पताल से तो छूटीं, गिरफ्तार कर भेजी गईं जेल

मेधा पाटकर (फाइल फोटो)

नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को बुधवार को अस्पताल से निकलने के बाद शाम के वक्त बड़वानी जाते समय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मेधा ने जब मुचलका भरने से इनकार कर दिया, तो उन्हें धार की जिला जेल भेज दिया गया। मेधा पाटकर मध्यप्रदेश में सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ने से डूब में आने वाले हजारों लोगों के हक के लिए बेमियादी अनशन कर रहीं थी।

Advertisment

मेधा 27 जुलाई से ही धार जिले के चिखल्दा गांव में अपने 11 साथियों के साथ अनशन कर रही थीं। 12वें दिन सोमवार को पुलिस बल ने उन्हें जबरन उठाकर एंबुलेंस में डाल दिया और इंदौर के बॉम्बे अस्पताल में भर्ती करा दिया था। उन्हें अस्पताल में पूरी तरह नजरबंद रखा गया, किसी को भी उनसे मिलने नहीं दिया गया। मेधा ने अस्पताल में भी अनशन जारी रखा। अनशन के 14वें दिन बुधवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़े अमूल्य निधि ने बताया कि मेधा को बुधवार की बॉम्बे अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। वह अपने साथियों के साथ बड़वानी जा रही थीं, तभी टोल प्लाजा पर पुलिस के जवानों ने उनकी कार रोकी और चालक की सीट पर एक पुलिस अधिकारी बैठकर कार को धार की ओर लेकर बढ़ गया।

और पढ़ें: कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग मामले में 14 विधायकों को किया पार्टी से बाहर

इंदौर के कमिश्नर संजय दुबे ने आईएएनएस से बातचीत में स्वीकार किया कि मेधा को गिरफ्तार किया गया है। वे अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद बड़वानी जा रही थीं।

धार के कलेक्टर श्रीमन शुक्ला से बताया कि मेधा को बड़वानी जाने से रोका गया, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने 31 जुलाई तक सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्रों को खाली करने का आदेश दिया है। वह तारीख बीत गई है, डूब क्षेत्रों को खाली कराने में देरी हो रही है। मेधा के बड़वानी पहुंचने से विस्थापितों के उग्र होने की आशंका थी।

उन्होंने कहा कि क्षेत्र की शांति भंग हो सकती थी, इसलिए उन्हें धार जिले की सीमा पर रोका गया। जब वह लौटने को तैयार नहीं हुईं, तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे रिहा होने के लिए मुचलका देने को कहा गया, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्हें देर शाम धार के जिला जेल भेज दिया गया।

और पढ़ें: मध्यप्रदेश: बच्चों के चेहरे पर स्टाम्प लगाने वाली लेडी गार्ड सस्पेंड

सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाकर 138 मीटर किए जाने से मध्यप्रदेश की नर्मदा घाटी के 192 गांवों और इनमें बसे 40 हजार परिवार प्रभावित होने वाले हैं। पुनर्वास के लिए जहां नई बस्तियां बसाने की तैयारी चल रही है, वहां सुविधाओं का अभाव है। इसलिए अधिकांश लोग उन बस्तियों में जाने को तैयार नहीं हैं।

मेधा इनके पुनर्वास के बेहतर इंतजाम की मांग को लेकर आंदोलन कर रही हैं। राज्य की भाजपा सरकार उनका आंदोलन अब अपने तरीके से खत्म कराने का प्रयास कर रही है।

और पढ़ें: जम्मू-कश्मीर: खाई में गाड़ी गिरने से 10 लोगों की मौत, 15 घायल

HIGHLIGHTS

  • बांध की ऊंचाई बढ़ाकर 138 मीटर किए जाने से 40 हजार परिवार प्रभावित
  • 27 जुलाई से धार जिले के चिखल्दा गांव में अपने 11 साथियों के साथ अनशन पर थींं मेधा
  • मेधा ने अस्पताल में भी अनशन जारी रखा, पुनर्वास के बेहतर इंतजाम की मांग को लेकर आंदोलन

Source : IANS

Medha Patkar madhya-pradesh dhar Narmada Bachao Andolan Sardar Sarovar Dam
      
Advertisment