यूएस में सेटेल्ड माया विश्वकर्मा (Maya Vishwakarma) ने अपने गांव के विकास के लिए नौकरी को त्याग दिया. उन्होंने खुद गांव में रहकर यहां के लोगों का उत्थान करने का निर्णय लिया. वे कैलिफ़ोर्निया से नौकरी छोड़कर 2014 में वापस भारत आई थीं. इसके बाद उन्होंने तय किया कि वे यहीं पर रहकर गांव के विकास के लिए काम करेंगी. उन्होंने अपने लक्ष्य बनाए हैं. इस पर वे लगातार काम कर रही हैं. सामाजिक उत्थान को लेकर माया विश्वकर्मा लगातार कुछ नया करने में जुटी हुई हैं. माया विश्वकर्मा अब अपने जन्मस्थान मेहरागांव में निर्विरोध सरपंच चुनी गई हैं. इस गांव कि पूरी पंचायत में सभी महिलाएं भी निर्विरोध चुनी गई हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अपील पर गांव की पंचायत समरस की सरपंच बन गयी हैं.
माया ने दिल्ली एम्स में नौकरी की है. रिसर्च करने अमेरिका गयी थीं. इसके बाद उन्हें अमेरिका के केलिफोर्निया में नौकरी मिल गई. लगातार 5 साल उन्होंने वहां काम किया. माया का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वे सरपंच बनेंगी. अपने गांव के विकास का हमेशा मन में ख्याल था. विश्वकर्मा ने कहा कि उनके गाँव में पानी बिजली, सड़क, पानी की बेहतर सुविधा नहीं है. यही कारण है कि वह वापस लौट कर गांव आ गईं. माया का कहना है कि 2017 में उन्होंने महिलाओं की माहवारी की समस्या को देखते हुए सेनेटरी पैड बनाने का भी काम शुरू किया. उनका कहना है कि अब अपने गांव का विकास करना ही उनका मिशन है.
Source : Nitendra Sharma