बिना वैक्सीन लगवाए ही मिल गया सर्टिफिकेट, मंत्री विश्वास सारंग बोले- मामले की होगी जांच 

एक युवक का बिना वैक्सीन लगे ही सर्टिफिकेट आ गया. पीड़ित ने बताया कि उसने अपनी पत्नी और बेटे का रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन पत्नी के ही वैक्सीन लगी थी.

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Kuldeep Singh
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बिना वैक्सीन लगवाए ही मिल गया सर्टिफिकेट, मामले की होगी जांच ( Photo Credit : न्यूज नेशन)

ऐसे मामले सामने आ रहे है जहां पर बिना वैक्सीन लिए ही लोगों को सर्टिफिकेट दिए जा रहा है. इसको लेकर लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है. ऐसा ही एक मामले भोपाल में सामने आया है जहां एक युवक का बिना वैक्सीन लगे ही सर्टिफिकेट आ गया. पीड़ित ने बताया कि उसने अपनी पत्नी और बेटे का रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन पत्नी के ही वैक्सीन लगी थी. फोन पर बेटे का सर्टिफिकेट आ गया. इससे पहले सूरत में भी एक दंपति के बिना वैक्सीन सर्टिफिकेट मिलने का मामला सामने आया था. वहीं पांडेसरा में भी ऐसा ही मामला सामने आया था. 

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भोपाल के गांधीनगर के एक निवासी दिव्यांश जैवार का आरोप है कि उसके बेटे को बिना वैक्सीन लगे वैक्सीन सर्टिफिकेट मिल गई. उसने बताया कि 27 मई को बेटे और पत्नी का स्लॉट बुक किया था जो 28 को मिला. बेटे का इलाज चल रहा है इसलिए मैं उसे नहीं ले गया. बेटे का भी सर्टिफिकेट आ गया. इस मामले में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि इसकी जांच होगी और उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है. अगर किसी ने कुछ गलत किया होगा तो उसे सजा मिलेगी.

इससे पहले सूरत में भी ऐसा ही मामला सामने आया था. ड़ित सुनील रावतोले ने बताया कि उन्होंने अपना और अपनी पत्नी उषा को वैक्सीन दिलाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया था. उन्होंने बताया कि वैक्सीन लेने के लिए सुबह लगभग 10 बजे वो विजयनगर हेल्थ सेंटर पहुंचे. जहां पर उन्हें टोकन लेने के लिए कहा गया, विवाद होने के बाद उन्हें कल आने के लिए कहा गया. लेकिन घर जाते ही उनकी पत्नी और उनका ऑनलाइन सर्टिफिकेट उनके मोबाइल पर आया जिसे देखकर वो चौक गए. 

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मुंबई में सामने आए थे मामले 
पिछले दिनों मुंबई में बिना कोरोना का टीका लिए लोगों के मोबाइल पर प्रोविजनल सर्टिफिकेट के मामले सामने आए. मुलुंड की रहने वाली 52 साल की आरती अब तक एक बार भी वैक्सीन सेंटर नहीं गईं लेकिन कोविशील्ड की पहली डोज लिए जाने का प्रोविजनल सर्टिफिकेट उनके मोबाइल पर आ गया है. बीजेपी ने इसमें वैक्सीन घोटाले का आरोप लगाते हुए सीएम उद्धव ठाकरे से जांच की मांग की. 

आरती ने खुद को कोविन एप पर रजिस्टर करवाया था. वह अभी इंतजार ही कर रही थीं कि उन्हें मुलुंड वेस्ट में उनके घर के पास के किसी वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीन लगाने का स्लॉट मिल जाए. लेकिन, आरती को स्लॉट तो नहीं मिला बल्कि उन्हें उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक मैसेज आया, जिसमे उन्हें जानकारी दी गई कि 'उन्हें कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज लग गई है. अब उन्हें दूसरी डोज के लिए 8 मई तक आना है.' आरती के परिजनों का कहना है कि जब से यह खबर आई है, सब डर गए हैं कि उनके हिस्से का टीका आखिर बीएमसी ने किसे लगा दिया.

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