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एमपीः संबल योजना में बड़े घोटाले का खुलासा, 71 लाख अपात्रों को बांटे गए 6816 करोड़ रुपये

जांच में खुलासा होने के बाद अब इन अपात्र लोगों से सरकार पैसा वसूलेगी. इनसे करीब 7 हजार करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी.

Updated on: 11 Nov 2019, 02:55 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश की पिछली बीजेपी सरकार में शुरू की गई संबल योजना में करोड़ों के घोटाले का खुलासा हुआ है. श्रम विभाग की जांच में पता चला है कि 71 लाख लोगों अपात्र होने के बाद भी संबल योजना का लाभ दिया गया था. योजना के तहत 6816 करोड़ की राशि बिजली सब्सिडी के तौर पर उन्हें दी गई थी. जांच में खुलासा होने के बाद अब इन अपात्र लोगों से सरकार पैसा वसूलेगी. इनसे करीब 7 हजार करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी.

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शिवराज सरकार के समय संबल योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना में गरीब लोगों को फायदा देने की कोशिश हुई थी. करीब 2.18 करोड़ श्रमिकों का इसमें पंजीकरण हुआ था. राज्य में कमलनाथ सरकार आने के बाद इसकी जांच करवाई गई. कमलनाथ सरकार ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने अपने लोगों को इसका फर्जी तरीके से फायदा दिया था. 71 लाख लोगों में करीब 56 लाख लोग बीजेपी के ही निकले हैं.

पिछली बीजेपी सरकार पर हमले बोलते हुए कमलनाथ के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि 13 साल मुख्यमंत्री रहे, जिसमें 12 साल तो लपक कर बिल थमाया और बाद में 200 रुपये देने लगे. सिर्फ इतना ही नहीं, अपात्रों को पात्र बनवाकर उन्होंने अपने चहेतों को लाभ पहुंचाया है. न्यूज स्टेट से बातचीत करते हुए ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि शिवराज की सरकार केवल 65000 लोगों को संबल से लाभ दे रही थी, जबकि कांग्रेस के इंदिरा ज्योति योजना से 97000 लोगों को इससे जोड़ा है. बिजली को लेकर उन्होंने कहा कि अब कोई समस्या नहीं हो सरकार स्मार्ट मीटर लगाने की योजना पर काम कर रही है.

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वहीं कैबिनेट मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि संबल योजना में अपात्रों के नाम काटे जाएंगे. लाखों की संख्या में बीजेपी कार्यकर्ताओं को लाभ देने का प्रयास किया गया था. इनकम टैक्स अदा करने वालों को भी तत्कालीन सरकार ने लाभ दिया था. पीसी शर्मा ने कहा कि इन सभी के खिलाफ FIR होगी और जरुरत पड़ी तो वसूली की जाएगी.

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