देश में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. नौकरियां घट रही हैं, लेकिन मध्य प्रदेश से राहत देने वाली खबर सामने आई है. यहां बीते एक साल में बेरोजगारी दर में बड़ी गिरावट आने की बात सामने आई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार, राज्य की बेरोजगारी दर सात प्रतिशत से घट कर 3.9 रह गई है. इस तरह बेरोजगारी में लगभग 45 फीसदी की गिरावट आई है. कांग्रेस के सत्ता में आने के समय की बेरोजगारी दर को देखें तो दिसंबर 2018 में राज्य में यह दर सात फीसदी थी, जो दिसंबर 2019 में घटकर 3.9 फीसदी रह गई है. इस आंकड़े से पता चलता है कि राज्य में बेरोजगारी की दर में एक साल में बड़ी कमी आई है.
मुंबई की बिजनेस इंफॉर्मेशन कंपनी, सीएमआईई व्यावसायिक गतिविधियों पर नजर रखती है, हालात पर अपनी रिपोर्ट जारी करती रहती है. सीएमआईई के संस्थागत व्यवसाय के प्रमुख प्रभाकर सिंह ने आईएएनएस से कहा, सीएमआईई रोजगार के विभिन्न मापदंडों के आधार पर सर्वेक्षण कर अपनी रिपोर्ट जारी करती है. हमारा काम, बदलाव क्यों हुआ है, यानी रोजगार बढ़ने और कम होने के क्या कारण रहे, इसे जानने का नहीं है. बेरोजगारी मापने के लिए उपलब्ध कामगारों की संख्या और कामगारों की हिस्सेदारी का अनुपात देखा जाता है. उसी के आधार पर यह पता चलता है कि रोजगार और बेरोजगारी की स्थिति क्या है.
सीएमआईई ने सितंबर में अपनी जो रिपोर्ट जारी की थी, उसमें कहा गया था कि राज्य में बेरोजगारी दर 4.2 थी. इस तरह दिसंबर 2018 के बाद के नौ माह में बेरोजगारी में लगभग 40 फीसदी की कमी आई थी, वहीं दिसंबर आने तक यह और घट गई. अब बेरोजगारी की दर 3.9 फीसदी रह गई है. वहीं दिसंबर 2019 में देश की बेरोजगारी दर 7.7 प्रतिशत रही.
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बेरोजगार सेना के प्रदेश अध्यक्ष अक्षय हुंका का कहना है, राज्य में बेरोजगारी के कम होते आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि राज्य में रोजगार के अवसर बढ़े हैं. यह राज्य में आए निवेश का ही नतीजा है. आंकड़े यह बताते हैं कि वर्तमान सरकार के प्रति निवेशकों में भरोसा बढ़ा है, जिसके चलते नतीजे आने शुरू हो गए हैं और आने वाले समय में ये और भी सकारात्मक और उत्साहवर्धक होंगे.
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हुंका ने आगे कहा, "जब राज्य में सत्ता में परिवतन हुआ था तब देश व राज्य की बेरोजगारी दर सात फीसदी थी. एक साल बाद देश की बेरोजगारी दर बढ़ी है, वहीं राज्य में 45 फीसदी की गिरावट आई है, जो राज्य में हो रहे बदलाव का संकेत है." गौरतलब है कि राज्य में कमलनाथ ने दिसंबर 2018 में कमान संभाली थी. दिसंबर 2019 में सरकार का एक साल पूरा हो चुका है. इस एक साल में बेरोजगारी में गिरावट आई है.