मध्य प्रदेश के रीवा जिले में दो दिन पहले एक खुले बोरवेल में गिरे छह वर्षीय लड़के को बचाने के लिए कई एजेंसियों के ठोस प्रयासों के बावजूद रविवार को उसकी मौत हो गई. घटना उत्तर प्रदेश सीमा के पास मनिका गांव में शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे की है, जब बच्चा खुले बोरवेल के पास खेल रहा था. अधिकारियों के बयान के मुताबिक, वह बोरवेल के अंदर लगभग 40 फीट की गहराई पर फंस गया था. राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया और स्थानीय प्रशासन ने लड़के को बोरवेल से निकालने के लिए समन्वित प्रयास किए. 70 फुट गहरे बोरवेल में ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई और उस तक पहुंचने के लिए समानांतर गड्ढे खोदे गए.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, “सूचना मिलते ही थाना प्रभारी और एसडीएम मौके पर पहुंचे… तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और बचाव कार्य जारी है.” दो जेसीबी, कैमरामैन की एक टीम और एक एसडीआरएफ टीम बचाव कार्य कर रही है. वाराणसी से एनडीआरएफ की एक टीम भी भेजी गई.''
सीसीटीवी की सहायता से स्थिति पर रखी नजर
पुलिस ने कहा कि लड़के की स्थिति पर नजर रखने के लिए एक सीसीटीवी कैमरा भी नीचे कर दिया गया था, हालांकि, कुछ रुकावटों के कारण वे उस तक पहुंचने में असमर्थ रहे. रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल द्वारा एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में अधिकारी सीसीटीवी कैमरे से लड़के का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.
बच्चे को नहीं बचा सके...
पाल ने कहा कि 40 घंटे के बचाव अभियान के बाद रविवार को बच्चे का पता चल गया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "लड़के का पता सुबह करीब 8 बजे चला. हमने सभी प्रयास किए लेकिन बच्चे को नहीं बचा सके क्योंकि बोरवेल बहुत संकरा था. " उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है.
Source : News Nation Bureau