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solar energy Photograph: (social media)
318 GWp की उच्चतम सौर ऊर्जा क्षमता के साथ मध्य प्रदेश भारत में तीसरा सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा क्षमता वाला राज्य है. राजस्थान 828.78 GWp क्षमता के साथ पहले नंबर पर है और देश की कुल सौर ऊर्जा क्षमता का 24.7% अकेले उसके पास है. भारत की कुल सौर क्षमता का अधिकांश भाग केवल 4 राज्यों के पास है, यह राज्य हैं - राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश. इनमें से पूरे देश की ऊर्जा क्षमता का करीब एक चौथाई भाग तो अकेले राजस्थान के पास ही है.
27,571 वर्ग किलोमीटर भूमि का इस्तेमाल
सौर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल, जिसे धरती पर स्थापित किया जाता है, से भारत की कुल ऊर्जा क्षमता का अनुमान करीब 3,343 गीगावाट पीक (GWp) लगाया गया है. देश में कुल बंजर भूमि 412,000 वर्ग किलोमीटर बताई जाती है, जिसमें से सौर ऊर्जा के लिए 27,571 वर्ग किलोमीटर भूमि इस्तेमाल करने की बात कही गई है. इसका अर्थ यह है कि कुल बंजर भूमि के केवल 6.69 प्रतिशत भाग की सौर ऊर्जा क्षमता का ही अनुमान लगाया गया है.
देश की सौर ऊर्जा क्षमता के बारे में अनुमान ‘ग्राउंड-माउंटेड सोलर पीवी पोटेंशियल असेसमेंट इन इंडिया’ शीर्षक की एक रिपोर्ट में लगाया गया है. इस रिपोर्ट को केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, प्रल्हाद जोशी ने देश की राजधानी में जारी किया.
‘भारत में भू-स्थापित सौर ऊर्जा मूल्यांकन’ शीर्षक की इस रिपोर्ट के अनुसार 828.78 GWp की उच्चतम क्षमता के साथ राजस्थान देश में पहले नंबर पर है, जबकि महाराष्ट्र 486 GWp क्षमता के साथ दूसरे स्थान पर है. तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है, जिसके पास 318 GWp क्षमता है और आंध्र प्रदेश 299 GWp क्षमता के साथ चौथे स्थान पर है.
इसरो के उपग्रहों का खासा योगदान
इस रिपोर्ट को तैयार करने में इसरो के उपग्रहों का खासा योगदान है. उनके द्वारा भेजे गए उच्च रिजॉल्यूशन के जियोस्पेशियल डाटा की मदद से ही देश की सौर ऊर्जा क्षमता का आकलन किया गया है. देश में सौर पार्कों की स्थापना के काम में यह रिपोर्ट बेहद मददगार साबित होगी. भारत 2014 से ही सौर ऊर्जा परियोजनाओं के मामले में तेजी से विकास कर रहा है. फिलहाल देश की सौर ऊर्जा क्षमता 100 गीगावाट से ज्यादा है. देश में 2030 तक सौर ऊर्जा क्षमता 500 गीगावाट करने का लक्ष्य है.