MP: विधानसभा उपाध्‍यक्ष के लिए कांग्रेस की हिना और बीजेपी के जगदीश के बीच मुकाबला

Madhya pradesh की 15वीं विधानसभा के तीसरे दिन बुधवार को उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस से हिना कांवरे ने नामांकन दाखिल किया.

Madhya pradesh की 15वीं विधानसभा के तीसरे दिन बुधवार को उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस से हिना कांवरे ने नामांकन दाखिल किया.

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Drigraj Madheshia
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MP: विधानसभा उपाध्‍यक्ष के लिए कांग्रेस की हिना और बीजेपी के जगदीश के बीच मुकाबला

कांग्रेस ने उपाध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी खड़ा किया है.

Madhya pradesh की 15वीं विधानसभा के लिए आज उपाध्‍यक्ष चुन लिया जाएगा. बुधवार को उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस से हिना कांवरे ने नामांकन दाखिल किया था. बीजेपी की तरफ से जगदीश उपाध्‍यक्ष पद के उम्‍मीदवार होंगे. उन्‍होंने भी बुधवार को नामांकन दाखिल किया. विधानसभा की परंपरा के अनुसार अबतक ये पद विपक्ष को दे दिया जाता था, लेकिन मंगलवार को अध्यक्ष पद के चुनाव के समय हुए घटनाक्रम के बाद अब कांग्रेस ने उपाध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी खड़ा किया है.

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नामांकन के बाद हिना ने कहा कि मैंने आज विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए पर्चा भरा है . परम्परा हमने नहीं बल्कि Bjp ने तोड़ी है. लोकतंत्र की हत्या Bjp ने की है .इसलिए अब हम भी Bjp की कोई बात नहीं मानेंगे . हमारे पास बहुमत है. हम कल फिर बहुमत साबित करेंगे .

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मंगलवार को सदन में अध्यक्ष के चुनाव के दौरान जोरदार हंगामा हुआ था. प्रोटेम स्पीकर ने नियमों का हवाला देकर एनपी प्रजापति को अध्यक्ष घोषित कर दिया था. इस हंगामें को लेकर सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई थी. इसके बाद विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के साथ बीजेपी के तमाम विधायक सदन से बाहर आ गए. बाहर आकर बीजेपी ने घोषणा की कि वह प्रोटेम स्पीकर के खिलाफ राजभवन तक पैदल मार्च करेंगे और राज्यपाल को अपने ग्रुप से अवगत कराएंगे . बीजेपी के तमाम विधायक विधानसभा से राजभवन तक पैदल मार्च करते हुए पहुंचे.

इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि विधानसभा में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है और संसदीय परंपराओं का उल्लंघन किया जा रहा है .विपक्ष की गैरमौजूदगी में प्रोटेम स्पीकर ने मत विभाजन कराया. एनपी प्रजापति को 120 मत मिले. 

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मध्य प्रदेश के इतिहास में ये तीसरा मौका था जब विधानसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ. सबसे पहले 27 मार्च 1962 को विधानसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ था. उस समय कुंजीलाल दुबे के सामने रामेश्वर अग्निभोज चुनाव मैदान में थे. इस चुनाव में कुंजीलाल दुबे को सफलता मिली. उन्हें जहां 187 वोट मिले वहीं अग्निभओज को महज 91 वोट मिले. वहीं दूसरी बार 24 मार्च 1967 को प्रदेश में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हुआ. इस बार काशी प्रसाद पांडे को जीत मिली थी.  

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बता दें मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण के बाद वित्तमंत्री तरुण भनोत ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए विधानसभा में 22 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया था. जिसमें कर्जमाफी योजना के लिए पांच हजार करोड़ रुपए, मेट्रो परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपए, सड़क निर्माण के लिए पौने दो हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

 

Source : News Nation Bureau

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