मध्य प्रदेश : दिग्विजय-सिंधिया की संभावित मुलाकात पर कयासबाजी तेज

सियासी राह में कांटे बिछाने में कोई मौका नहीं गंवाता, मगर सोमवार को गुना में दोनों नेताओं की संभावित मुलाकात को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है.

सियासी राह में कांटे बिछाने में कोई मौका नहीं गंवाता, मगर सोमवार को गुना में दोनों नेताओं की संभावित मुलाकात को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है.

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yogesh bhadauriya
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फाइल फोटो( Photo Credit : News State)

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक-दूसरे का धुर विरोधी माना जाता है. सियासी राह में कांटे बिछाने में कोई मौका नहीं गंवाता, मगर सोमवार को गुना में दोनों नेताओं की संभावित मुलाकात को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है. दिग्विजय सिंह सोमवार को झांसी होते हुए गुना पहुंचने वाले हैं, वहीं सिंधिया का भोपाल से गुना पहुंचने का कार्यक्रम है. दोनों नेताओं के बीच लगभग 45 मिनट की मुलाकात प्रस्तावित है. इस दौरान कोई अन्य नेता मौजूद नहीं रहेगा. संभवत: लंबे अरसे बाद दोनों नेताओं की मुलाकात होने जा रही है और इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.

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राज्य में कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन होना है. सिंधिया को बड़ा दावेदार माना जा रहा है. वहीं, राज्यसभा की तीन सीटों के लिए अप्रैल माह में चुनाव भी संभावित है. इनमें से दो सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों का चुना जाना तय है. ये दो मामले ऐसे हैं जिनको लेकर कांग्रेस के भीतर खींचतान चल रही है. दिग्विजय राज्यसभा के सदस्य हैं और उनका कार्यकाल अप्रैल में खत्म होने जा रहा है.

दोनों नेता आपसी सहमति की तरफ बढ़ा रहे कदम

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सिंधिया और सिंह के बीच खींचतान किसी से छुपी नहीं है. प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा चुनाव में दोनों ही नेताओं को अपना भविष्य नजर आ रहा है. दोनों नेता चुनाव के जरिए अपनी अहमियत बताना चाहते हैं. उन्हें इस बात की आशंका भी है कि अगर प्रदेशाध्यक्ष के चयन में अहमियत नहीं मिली और राज्यसभा के चुनाव से दूर रहे तो कांग्रेस के भीतर उनके कद की स्थिति का खुलासा हो जाएगा. लिहाजा, कयास लगाया जा रहा है कि दोनों नेता आपसी सहमति की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं.

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