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Madhya Pradesh: सिंहस्थ घोटाले की जांच रिपोर्ट मंत्रालय से हुई गायब

मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उमंग सिंघार के बीच छिड़े घमासान की वजह से सिंहस्थ घोटाला सुर्खियों में आ गया है.

Updated on: 04 Sep 2019, 10:12 AM

भोपाल:

मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उमंग सिंघार के बीच छिड़े घमासान की वजह से सिंहस्थ घोटाला सुर्खियों में आ गया है. अभी तक इस घोटाले की फाइलें को लेकर छिपा-छिपी का खेल चल रहा था, मगर अब इसकी जांच रिपोर्ट ही गायब हो गई हैं. बताया जा रहा है कि सिंहस्थ घोटाले की जांच रिपोर्ट मंत्रालय से गायब हैं.

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बता दें कि मध्य प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए शिवराज सरकार पर आरोप लगाए थे कि सिंहस्थ में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. इसी को लेकर कांग्रेस ने विधायकों की एक जांच टीम गठित की थी. जिसके बाद एक रिपोर्ट पिछली शिवराज सरकार को दी गई थी. मगर अब यह रिपोर्ट मंत्रालय से ही गायब हो गई है. हालांकि गृह मंत्री बाला बच्चन के पास इन रिपोर्ट की कॉपी भी रखी हुई थीं. लिहाजा कांग्रेस सरकार आगे इसी कॉपी रिपोर्ट के आधार पर जांच करवा रही है.

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गौरतलब है कि उमंग सिंघार और दिग्विजय सिंह के बीच छिड़े विवाद के दौरान सिंहस्थ घोटाले के भी चर्चा हो रही है. बता दें कि दिग्विजय सिंह की चिट्ठी के जवाब में उमंग सिंघार ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी और आरोप लगाया कि दिग्विजय सिंहस्थ घोटाला पर कोई चिट्ठी क्यों नहीं लिखते. इसके तुरंत बाद दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने मोर्चा संभाला था. उन्होंने अपने एक परिचित के हाथों नोटशीट वायरल करवाई. जिससे प्रमाणित होता है कि सिंहस्थ घोटाले की फाइल मुख्यमंत्री सचिवालय में दबा ली गईं. हालांकि उन्होंने कोई रिमांडर नहीं लिखा, लेकिन जयवर्धन सिंह निर्दोष हैं.

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