मध्यप्रदेश के भोपाल में नगर निगम में हुए 200 करोड़ रुपये के घोटाले को उजागर करने वाली महिला अधिकारी का तबादला कर दिया गया है। इस बात पर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। विपक्ष ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है।
जानकारी के अनुसार महिला अधिकारी छवि भारद्वाज का तबादला कर दिया गया। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन उनकी कथनी और करनी में अंतर एक बार फिर सामने आया है।
सिंह ने कहा कि भोपाल नगर निगम की वाहन शाखा में 200 करोड़ रुपये का घोटाले को सामने लाने वाली आयुक्त छवि भारद्वाज को अचानक छुट्टी के दिन हटाना, इस बात का प्रमाण है कि इस घोटाले में शामिल लोगों को मुख्यमंत्री बचाना चाहते हैं।
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का संकल्प लिया था। लेकिन इसके विपरीत पिछले चार साल में मुख्यमंत्री के जो भी कदम उठे, वे भ्रष्टाचारियों को बचाने, उन्हें अच्छी पोस्टिंग देने और घोटाले उजागर करने वाले अधिकारियों को हटाने के रहे हैं।
सिंह ने आगे कहा कि कटनी के पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी हों या सतना नगर-निगम के आयुक्त कथूरिया की पोस्टिंग हों, ये दोनों मामले मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में अंतर के सबूत हैं।
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उन्होंने कहा कि इसी तरह श्योपुर में एडीएम वीरेंद्र कुमार को इसलिए हटाया गया, क्योंकि उन्होंने 321 बीघा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किए लोगों को उस जमीन से बेदखल कर दिया। सरकार को उनकी यह कार्रवाई इसलिए रास नहीं आई, क्योंकि जिनके कब्जे से सरकारी जमीन वापस ली गई, वे भाजपा के लोग थे।
Source : IANS