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प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : New State)
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को वापस लेने के लिए संकल्प पारित किया है. संकल्प में मांग की गई है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को निरस्त किया जाए. यह जानकारी कैबिनेट की बैठक के बाद जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने दी. बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं. इससे पहले केरल, पंजाब, राजस्थान विधानसभा ने सीएए (CAA) के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था.
मंत्री शर्मा ने कैबिनेट बैठक में पारित संकल्प को पढ़कर सुनाया. सरकार ने कहा कि संसद में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 संविधान के आदर्शों के अनुरूप नहीं है.
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शिवराज सिंह चौहान ने दी कमलनाथ को चुनौती
वहीं, सीएए के खिलाफ संकल्प पास होने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला. सिंह ने कहा- 'मुख्यमंत्री बनने के लिए संविधान के प्रति सच्ची और निष्ठा रखने की शपथ ली जाती है. ये कानून संसद ने बनाया है. आप कहते हैं कि कानून वापस ले लो. आप क्या चाहते हैं- पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर आए वहां के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता नहीं दें? क्या महक जैसी बिटिया उठती रहे, धर्मांतरण होता रहे, उनका घर जलता रहे, वहां उनकी संपत्ति पर कब्जा किया जाता रहे? आपको उनकी बेटियों का दुख-दर्द दिखाई नहीं देता? आप इतने असंवेदनशील हो गए हैं? सीएए तो लागू होकर रहेगा कमलनाथजी, दुनिया की कोई ताकत इसे नहीं रोक सकती.'
सरकार ने संकल्प पत्र में कहा...
संकल्प पत्र में कहा- यह पहला अवसर है जब धर्म के आधार पर विभेद करने के प्रावधान संबंधी कोई कानून देश में लागू किया गया है. इससे देश का पंथनिरपेक्ष रूप और सहिष्णुता का ताना-बाना खतरे में पड़ जाएगा. कानून में ऐसे प्रावधान किए गए जो लोगों की समझ से परे हैं और आशंका को भी जन्म देते हैं. इसके परिणाम स्वरूप ही देशभर में कानून का व्यापक विरोध हुआ है और हो रहा है. मध्यप्रदेश में भी इस कानून के विरोध में लगातार प्रदर्शन देखे गए हैं जो कि शांतिपूर्ण रहे हैं. इनमें समाज के सभी वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं. इन तत्वों के मद्देनजर मध्यप्रदेश शासन भारत सरकार से आग्रह करता है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को निरस्त किया जाए.
साथ ही ऐसी नई सूचनाएं, जिन्हें राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 2020 में अद्यतन करने के लिए कहा है उन्हें भी वापस लिया जाए. उसके बाद ही जनगणना का काम हाथ में लिया जाए.
Source : News State