/newsnation/media/post_attachments/images/2020/12/09/childbirth-11.jpg)
Shahdol infants death case( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))
मध्य प्रदेश के शहडोल में नवजात बच्चों के मौत से मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. शहडोल दौरे पर आए स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने सीएचएमओ डॉ राजेश पाण्डेय और सिविल सर्जन वीएस बारिया को हटाने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने एक परिवार से भी मुलाकात की, जिसके बच्चे की हाल ही में मौत हुई थी.
धनपुरी शहडोल निवासी विजय महोबिया जी के निवास पर पहुँच कर उनके बच्चे की मृत्यु पर परिजनों का ढांढस बंधाया एवं शोक व्यक्त किया,सरकार द्वारा उनकी हर संभव मदद के लिए आश्वस्त किया॥#drprabhuramchoudharypic.twitter.com/4W3AFTDYgD
— Dr. Prabhuram Choudhary (@DrPRChoudhary) December 8, 2020
बता दें कि शहडोल जिले में बीते 10 दिनों में 13 बच्चों की मौत हुई है. इनमें अधिकांश बच्चे कुछ दिन से लेकर कुछ माह के थे. इन बच्चों की मौत की वजह निमोनिया बताया गया.
वहीं कांग्रेस ने भी स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाए और इसकी जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई. इस समिति के सदस्य सुभाष गुप्ता ने बताया कि अस्पताल अच्छा है, उपकरण भी हैं, मगर बच्चों को स्तरीय दवाएं नहीं दी गईं. यही कारण रहा कि बच्चे अस्पताल आए और उनकी सेहत सुधरने की बजाय बिगड़ती गई और दस दिन में 13 बच्चों की मौत हुई. बीते एक साल का रिकार्ड अस्पताल की बदहाली की गवाही दे रहा है. यहां औसतन हर रोज एक बच्चे की मौत होती है.
और पढ़ें: लापरवाही! उज्जैन के अस्पताल में महिला के शव को कुतर गए चूहे
शहडोल में नवजात शिशुओं की मौत हुई है, वहीं सागर भी इस मामले में पीछे नहीं है. बीते तीन माह में यहां 92 बच्चों की मौत की बात सामने आई है. सागर संभाग के कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने कहा है कि नवजात शिशुओं की मृत्युदर में कमी लाने की दिशा में हर संभव प्रयास किए जाएं. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल में नवजात शिशुओं के इलाज के लिए चिकित्सकों, दवाओं और उपकरणों की कमी नहीं होने दी जाए.
Source : News Nation Bureau