एमपी में 1 जुलाई से नहीं खुलेंगे स्कूल, सीएम शिवराज ने कही ये बातें
एमपी में हायर सेकेंडरी के परीक्षा परिणामों के निर्धारण के लिए फॉर्मूला तय कर लिया गया है. 12वीं के छात्रों के अंकों का निर्धारण 10वीं के विभिन्न विषयों में प्राप्त अंकों को बेस्ट ऑफ फाइव के आधार पर किया जाएगा, वहीं स्कूल एक जुलाई से नहीं खुलेंगे.
highlights
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में एक जुलाई से स्कूल नहीं खुलेंगे
- ऑनलाइन और टीवी के माध्यम से ही पढ़ाई की व्यवस्था जारी रहेगी
- हायर सेकेंडरी के परीक्षा परिणामों के निर्धारण के लिए फॉर्मूला तय कर लिया गया है
भोपाल:
मध्य प्रदेश में हायर सेकेंडरी के परीक्षा परिणामों के निर्धारण के लिए फॉर्मूला तय कर लिया गया है. 12वीं के छात्रों के अंकों का निर्धारण 10वीं के विभिन्न विषयों में प्राप्त अंकों को बेस्ट ऑफ फाइव के आधार पर किया जाएगा, वहीं स्कूल एक जुलाई से नहीं खुलेंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कक्षा 12वीं के अंकों का निर्धारण कक्षा 10वीं के विभिन्न विषयों में प्राप्त अंकों को बेस्ट ऑफ फाइव के आधार पर किया जाए. यदि विद्यार्थी परिणाम सुधारना चाहते हैं तो वे परीक्षा देकर परिणाम सुधार सकते हैं. मुख्यमंत्री प्रदेश में शासकीय और निजी शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों में कोविड -19 के दौरान भविष्य की रणनीति के संबंध में गठित मंत्री समूह की अनुशंसाओं पर मंत्रालय में चर्चा कर रहे थे.
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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में एक जुलाई से स्कूल नहीं खुलेंगे. ऑनलाइन और टीवी के माध्यम से ही पढ़ाई की व्यवस्था जारी रहेगी. स्कूल खोलने के महत्वपूर्ण निर्णय के संबंध में केंद्र सहित अन्य राज्यों और विशेषज्ञों से चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में ऑन-लाइन और हाइब्रिड आधार पर अर्थात वाट्सएप और डिजिटल संसाधनों और टीवी आदि के माध्यम से भी शैक्षणिक गतिविधियां जारी रहें. क्लस्टर स्तर पर टीवी उपलब्ध कराने और शाला स्तर पर डिवाइज पूल बनाने जैसी गतिविधियां संचालित की जाएं. जनजातीय क्षेत्रों में शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन में दूरदर्शन से सहयोग लिया जाएगा.
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मंत्री समूह द्वारा नवीन शैक्षणिक सत्र में संस्थाएं खोले जाने के संबंध में सभी हितग्राहियों जैसे विद्यार्थी, पालक, संस्था प्रमुख, शिक्षकों और आम नागरिकों से सुझाव प्राप्त कर अनुशंसाएं प्रस्तुत की गईं. प्राप्त अनुशंसाओं के अनुसार, शिक्षकों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कराया जाएगा. शैक्षणिक संस्थाओं में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के उपायों पर विशेष प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे. शिक्षण संस्थाओं को कोरोना सेफ बनाने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं विकसित की जाएंगी.
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