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विलुप्त होती संस्कृत को बचाने की कोशिश,भोपाल में निःशुल्क सिखायी का रही भाषा

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में संस्कृत भाषा सिखायी जा रही है । उद्देश्य है विलुप्त होती संस्कृत भाषा को बचाना और आने वाली पीढ़ी को संस्कृत सीखना । मध्य प्रदेश में सरकार भाषाओं को लेकर अलग अलग प्रयोग कर रही है ।

Updated on: 19 Oct 2022, 10:27 PM

New Delhi:

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में संस्कृत भाषा सिखायी जा रही है । उद्देश्य है विलुप्त होती संस्कृत भाषा को बचाना और आने वाली पीढ़ी को संस्कृत सीखना । मध्य प्रदेश में सरकार भाषाओं को लेकर अलग अलग प्रयोग कर रही है । हाल ही में सरकार ने फ़ैसला किया की मेडिकल एजुकेशन कि पढ़ाई हिन्दी में होगी । तो अब महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान आम लोगों को संस्कृत सीखा रहा है । ये भोपाल का पंचशील नगर है । यहाँ रोज़ाना ही शाम 6 से 7 बजे तक संस्कृत की कक्षा लगती है । मगर उससे पहले यहाँ टीम लोगों के घर जाती है और उन्हें संस्कृत सीखने को लेकर आमंत्रित करती है ।


बच्चों से लेकर बड़ों तक को संस्कृत सीखने के लिये आमंत्रित किया जाता है । ऐसे में न्योता भी संस्कृत में ही दिया जाता है । ये तस्वीरें है संस्कृत की कक्षा की । यहाँ भवतः नाम किम ? सबसे पहले सिखाया जाता है । साथ ही संस्कृत में गिनती भी सीखते है । लक्ष्य है तो सिर्फ़ इतना की हमारी सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत विलुप्त ना हो। बच्चे संस्कृत बोल सकें ..लिख सकें । ये अभियान काफ़ी माह से चल रहा है । इस अभियान को महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान चला रहा है । आचार्य का कहना है की हमारा लक्ष्य है की यहाँ हर शख़्स संस्कृत बोल सके और हम इसे संस्कृत नगर बनायें । मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जहां संस्कृत सिखाने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है । उम्मीद है ये अभियान ज़रूर सफल होगा ।