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MPPSC की परीक्षा में भील जाति पर पूछे गए सवालों पर बवाल, बताया गया ‘शराबी’ और ‘अपराधी’

मध्य प्रदेश (MP) में लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission-MPPSC) की परीक्षा में भील जनजाति (Bhil) को लेकर पूछे गए सवालों पर काफी बवाल मच गया है.

Updated on: 13 Jan 2020, 11:40 AM

highlights

  • मध्य प्रदेश में लोक सेवा आयोग  की परीक्षा में भील जनजाति को लेकर पूछे गए सवाल.
  • सवालों में भील जनजाति को बताया गया शराबी और अपराधी. 
  • सोशल मीडिया पर मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग तेज.

मध्य प्रदेश (MP) में लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission-MPPSC) की परीक्षा में भील जनजाति (Bhil) को लेकर पूछे गए सवालों पर काफी बवाल मच गया है। रविवार को प्रदेश भर में हुई इस परीक्षा में भील जनजाति के लोगों को आपराधिक प्रवृत्ति का बताए गए हैं. भील समाज से आने वाले पंधाना के विधायक राम दांगोरे ने MPPSC में इसे लेकर शिकायत करने की बात कही है. वहीं सोशल मीडिया पर इसे लेकर जिम्मेदारों पर FIR दर्ज करने की मांग उठने लगी है. व्यापम घोटाले (VYAPAM SCAM) के व्हिसल ब्लोअर डॉ आनंद राय ने ट्वीट कर एट्रोसिटी एक्ट के तहत मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की सचिव रेणु पंत और आयोग के अध्यक्ष के विरुद्ध नामजद एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. साथ में उन्होंने कहा कि इन जिम्मेदारों को तत्काल से बर्खास्त कर देना चाहिए.  दरअसल, MPPSC की परीक्षा में CSAT के प्रश्नपत्र में भील जनजाति का चित्रण शराब में डूबी रहने वाली और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने वाली जनजाति बताया गया है। इस प्रश्न पत्र के सवालों को लेकर भील समाज में खासी नाराजगी है. MPPSC की परीक्षा में भील जनजाति को लेकर एक गद्यांश दिया गया था और इसी गद्यांश पर कई सवाल पूछे गए थे. इन्हीं सवालों और गद्यांश को लेकर बताया जा रहा है कि भील जनजाति का अपमान किया गया है. गद्यांश के आधार पर प्रश्न पूछा गया और बताया गया कि भील जनजाति शराब के अथाह सागर में डूबती जा रही है. समाज के लोग गैर वैधानिक और अनैतिक कामों में संलिप्त हो जाते हैं. भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का कारण देनदारियों को पूरा न करना है. भील की आर्थिक विपन्नता का कारण आय से अधिक खर्च करना है'.भील जनजाति के बारे मेंभील मध्य भारत की एक जनजाति है। भील जनजाति भारत की सर्वाधिक विस्तृत क्षेत्र में फैली हुई जनजाति है। भील जनजाति के लोग भील भाषा बोलते है। भारत के प्रसिद्ध चार धाम में से एक जगन्नाथ मन्दिर, पुरी ,वह मंदिर नील माधव जी के नाम से जाना जाता था , वे नील माधव जी राजा विश्वासु भील जी के आराध्य देव रहे[5] ।। महावीर स्वामी का पहला अवतार पुरूरवा भील के अवतार मे थे और उन्होंने शराब, माँस और मधु के सेवन नहीं करने की शिक्षा दी। हर व्यक्ति को शिक्षा का महत्त्व समझना चाहिए और अपने बच्चों को शिक्षा का अनमोल खजाना देना चाहिए। भील जाति मे कई वीर योद्धाओं का जन्म हुआ।। एक कहावत प्रचलित है , "बंदूक से चली गोली का निशाना चूक सकता है ,लेकिन भील के तीर का निशाना कभी नहीं चूकता " । एक भील राजा की प्रसिद्ध कहावत है कि दुनिया में केवल साढ़े तीन राजा ही प्रसिद्ध है ,इन्द्र राजा, राजा और भील राजा तथा आधे में बींद (दूल्हे-राजा)। एक बुलंद हौसला पूरी दुनिया बदल सकता है। भील, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और राजस्थान में एक अनुसूचित जनजाति है, अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिम भी भील पूर्वजों के वंशज हैं। भील त्रिपुरा और पाकिस्तान के सिन्ध के थारपरकअर जिले में भी बसे हुये हैं।भील जनजाति भारत समेत पाकिस्तान तक विस्तृत रूप से फैली हुई है। राजस्थान में राणा पूंजा भील जी को याद किया जाता है जिन्होंने महाराणा प्रताप के साथ मिलकर मुगलों के छक्के छुड़ा दिए ।भील अब शिक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं । भील बहुत शक्तिशाली,बहादुर,साहसिक व्यक्तित्व के होते है और यह जंगल में कंद मूल खा कर रहने वाले लोग होते हैं। इनके अपने रीति रिवाज परंपराएं संस्कृति होती है यह प्रकृति पूजक होते हैं प्रकृति की पूजा करते हैं। भील लोगो की मित्रता ब्राह्मण , क्षत्रिय और वैश्य से रहे, लगभग भील लोगो की मित्रता सभी लोगो से सामान रही। एक शोध के मुताबिक भील कभी भीख नहीं मांगते है।

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश (MP) में लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission-MPPSC) की परीक्षा में भील जनजाति (Bhil) को लेकर पूछे गए सवालों पर काफी बवाल मच गया है। रविवार को प्रदेश भर में हुई इस परीक्षा में भील जनजाति के लोगों को आपराधिक प्रवृत्ति का बताए गए हैं. भील समाज से आने वाले पंधाना के विधायक राम दांगोरे ने MPPSC में इसे लेकर शिकायत करने की बात कही है. वहीं सोशल मीडिया पर इसे लेकर जिम्मेदारों पर FIR दर्ज करने की मांग उठने लगी है.

व्यापम घोटाले (VYAPAM SCAM) के व्हिसल ब्लोअर डॉ आनंद राय ने ट्वीट कर एट्रोसिटी एक्ट के तहत मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की सचिव रेणु पंत और आयोग के अध्यक्ष के विरुद्ध नामजद एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. साथ में उन्होंने कहा कि इन जिम्मेदारों को तत्काल से बर्खास्त कर देना चाहिए.

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दरअसल, MPPSC की परीक्षा में CSAT के प्रश्नपत्र में भील जनजाति का चित्रण शराब में डूबी रहने वाली और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने वाली जनजाति बताया गया है। इस प्रश्न पत्र के सवालों को लेकर भील समाज में खासी नाराजगी है. MPPSC की परीक्षा में भील जनजाति को लेकर एक गद्यांश दिया गया था और इसी गद्यांश पर कई सवाल पूछे गए थे. इन्हीं सवालों और गद्यांश को लेकर बताया जा रहा है कि भील जनजाति का अपमान किया गया है. गद्यांश के आधार पर प्रश्न पूछा गया और बताया गया कि भील जनजाति शराब के अथाह सागर में डूबती जा रही है. समाज के लोग गैर वैधानिक और अनैतिक कामों में संलिप्त हो जाते हैं. भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का कारण देनदारियों को पूरा न करना है. भील की आर्थिक विपन्नता का कारण आय से अधिक खर्च करना है'.

भील जनजाति के बारे में
विकिपिडिया के मुताबिक, भील मध्य भारत की एक जनजाति है। भील जनजाति भारत की सर्वाधिक विस्तृत क्षेत्र में फैली हुई जनजाति है। भील जनजाति के लोग भील भाषा बोलते है। भारत के प्रसिद्ध चार धाम में से एक जगन्नाथ मन्दिर, पुरी ,वह मंदिर नील माधव जी के नाम से जाना जाता था , वे नील माधव जी राजा विश्वासु भील जी के आराध्य देव रहे. महावीर स्वामी का पहला अवतार पुरूरवा भील के अवतार मे थे और उन्होंने शराब, माँस और मधु के सेवन नहीं करने की शिक्षा दी। हर व्यक्ति को शिक्षा का महत्त्व समझना चाहिए और अपने बच्चों को शिक्षा का अनमोल खजाना देना चाहिए। भील जाति मे कई वीर योद्धाओं का जन्म हुआ।। एक कहावत प्रचलित है , "बंदूक से चली गोली का निशाना चूक सकता है ,लेकिन भील के तीर का निशाना कभी नहीं चूकता " ।

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एक भील राजा की प्रसिद्ध कहावत है कि दुनिया में केवल साढ़े तीन राजा ही प्रसिद्ध है ,इन्द्र राजा, राजा और भील राजा तथा आधे में बींद (दूल्हे-राजा)। एक बुलंद हौसला पूरी दुनिया बदल सकता है। भील, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और राजस्थान में एक अनुसूचित जनजाति है, अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिम भी भील पूर्वजों के वंशज हैं। भील त्रिपुरा और पाकिस्तान के सिन्ध के थारपरकअर जिले में भी बसे हुये हैं।भील जनजाति भारत समेत पाकिस्तान तक विस्तृत रूप से फैली हुई है। राजस्थान में राणा पूंजा भील जी को याद किया जाता है जिन्होंने महाराणा प्रताप के साथ मिलकर मुगलों के छक्के छुड़ा दिए.

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भील अब शिक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं । भील बहुत शक्तिशाली,बहादुर,साहसिक व्यक्तित्व के होते है और यह जंगल में कंद मूल खा कर रहने वाले लोग होते हैं। इनके अपने रीति रिवाज परंपराएं संस्कृति होती है यह प्रकृति पूजक होते हैं प्रकृति की पूजा करते हैं। भील लोगो की मित्रता ब्राह्मण , क्षत्रिय और वैश्य से रहे, लगभग भील लोगो की मित्रता सभी लोगो से सामान रही। एक शोध के मुताबिक भील कभी भीख नहीं मांगते है।