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मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के गिने चुने दिन, बीजेपी ने राज्यपाल से की फ्लोर टेस्ट की मांग

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के संकट के बादल गहराते जा रहे हैं. राज्यपाल लालजी टंडन के छुट्टी से वापस लौटने के बाद राज्य की राजनीतिक उठापठक ने और जोर पकड़ा है.

Updated on: 14 Mar 2020, 05:48 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस की सरकार के संकट के बादल गहराते जा रहे हैं. राज्यपाल लालजी टंडन के छुट्टी से वापस लौटने के बाद राज्य की राजनीतिक उठापठक ने और जोर पकड़ा है. अब तय माना जा रहा है कि कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Govt) के मध्य प्रदेश में अब गिने चुने दिन ही रह गए हैं. इस बात को ज्यादा बल उस वक्त मिला है जब मुख्यमंत्री कमलनाथ की राज्यपाल से मुलाकात के अगले ही दिन यानी आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) का एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा.

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पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के साथ और पूर्व पार्टी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने आज राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की और मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाने की मांग उठाई. बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को दो पन्नों का एक पत्र भी सौंपा है.

पत्र में बीजेपी ने लिखा, 'महोदय, मध्य प्रदेश विधानसभा के 22 सदस्यों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इन सभी विधायकों ने मीडिया के सामने खुद पुष्टि की है. यह बात आज सार्वजनिक रूप से स्पष्ट हो चुकी है कि विधानसभा का विश्वास खो चुका है और अब उनके राज्य में संवैधानिक तरीके से सरकार चलाना संभव नहीं है.' पत्र में कहा गया, '16 मार्च को मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र बुलाया गया है. उपरोक्त संवैधानिक प्रणाली और प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए यह वर्तमान सरकार का संवैधानिक और प्राथमिक कर्तव्य है कि वह सत्र से पहले ही सबसे पहले अपना बहुमत साबिह करने के लिए अपना फ्लोर टेस्ट करवाएं.'

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बीजेपी ने राज्यपाल से फ्लोर टेस्ट के लिए 16 मार्च से ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की. बीजेपी ने पत्र में कहा, 'राज्यपाल अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके मध्य प्रदेश की अल्पमत कमलनाथ सरकार को विश्वास सिद्ध करने का निर्देश दें. इसके लिए निश्चित 16 मार्च से पहले ही विधानसभा का सत्र बुलाया जाए.' राज्य की मौजूदा मुख्य विपक्षी पार्टी ने यह भी मांग की है कि विश्वास मत पर मतदान ध्वनि मत न होकर डिवीजन और बटन दबाकर किया जाए. इसके अलावा सदन की पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी भी कराई जाए.

राज्यपाल से मौजूदा कांग्रेस सरकार की शिकायत करते हुए बीजेपी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ सिर्फ 22 विधायकों को ही नहीं, बल्कि अन्य विधायकों को भी दबाव में लाने की या लालच देने की निरंतर कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी ने कहा कि बहुमत परीक्षण को और अधिक लंबित करने से हॉर्स ट्रेडिंग ज्यादा बढ़ेगी.

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