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आस्था के साथ जान जोखिम में डालने वाली परंपरा, लोगों के ऊपर से गुजरती हैं सैकड़ों गाय, देखें VIDEO

उज्जैन सै 75 किलोमीटर दूर स्थित बडनगर तहसील के ग्राम भिडावद में आज अनूठी आस्था देखने को मिली. गांव में सुबह गाय का पूजन किया गया.

Updated on: 28 Oct 2019, 01:18 PM

उज्जैन:

उज्जैन सै 75 किलोमीटर दूर स्थित बडनगर तहसील के ग्राम भिडावद में आज अनूठी आस्था देखने को मिली. गांव में सुबह गाय का पूजन किया गया. पूजन के बाद लोग जमीन पर लेट जाते हैं और गायों को उनके ऊपर से गुजारा जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से सभी मन्नतें पूरी हो जाती हैं. जिन लोगों की मन्नतें पूरी हो जाती हैं वे भी ऐसा करते हैं. परंपरा के मुताबिक गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है. गाय के पैरों के नीचे आने से देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है. लेकिन आस्था के साथ यहां लोगों की जान के साथ खिलवाड़ भी कर रहे हैं.

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दिवाली के दूसरे दिन होने वाले इस परंपरा का लोग वर्षों से निर्वाह कर रहे हैं. परंपरा के मुताबिक लोग पांच दिनों का उपवास करते हैं. लोग गांव के माता मंदिर में रुक कर रात गुजारते हैं और भजन कीर्तन करते हैं. दिवाली के दूसरे दिन पड़वा पर सुबह पूजन किया जाता है. उसके बाद ढोल बाजे के साथ गांव की परिक्रमा की जाती है.

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एक ओर गांव की सभी गायों को एकत्रित किया जाता है और दूसरी तरफ लोग जमीन पर लेटते हैं. इसके बाद शुरु होती है जान जोखिम में डालने वाली परंपरा. यहां गायों को एक साथ छोड़ दिया जाता है और लोगों के ऊपर से गुजारा जाता है. कुछ ही देर में लोगों के ऊपर से सारी गायें निकल जाती हैं. गायों के निकलने के बाद लोग ढोल की ताल पर नाचने लगते हैं.