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मध्यप्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दी दीपावली की शुभकामनाएं

मध्यप्रदेश में दीपावली पर्व धूमधाम और उत्साह के साथ मनाए जाने की तैयारियां जोरों पर हैं. राज्य के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों को दीपावली पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. राज्यपाल पटेल ने प्रदेशवासियों को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई देते हुए सभी नागरिकों के लिए सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है.

Updated on: 24 Oct 2022, 05:02 PM

भोपाल:

मध्यप्रदेश में दीपावली पर्व धूमधाम और उत्साह के साथ मनाए जाने की तैयारियां जोरों पर हैं. राज्य के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों को दीपावली पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. राज्यपाल पटेल ने प्रदेशवासियों को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई देते हुए सभी नागरिकों के लिए सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है.

राज्यपाल पटेल ने अपने संदेश में कहा है कि दीपावली का पर्व सभी के जीवन में उजाला लाता हैं. खुशी का संचार करता है. दीपावली का पर्व समृद्धि का प्रतीक है. यह पर्व भाई-चारे और सद्भाव के माहौल को मजबूत करता है. उन्होंने कहा कि दीपावली की असली खुशी दूसरों के साथ अपनी खुशी बांटने में है. हमें इस पावन अवसर पर अपने साथ उन्हें भी लेकर चलना चाहिए जो वंचित और पिछड़े हैं.

राज्यपाल पटेल ने प्रदेशवासियों से अनुशासित, शुद्ध, स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में दीपावली का उत्सव मनाने और लोकल के लिए वोकल होकर स्थानीय उत्पादों के उपयोग को प्राथमिकता देने की अपील की है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दीपावली के पावन पर्व पर प्रदेश के नागरिकों को बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि देवी महालक्ष्मी से प्रार्थना है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आए. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि दीप पर्व जीवन में प्रसन्नता को बढ़ाने का अवसर है.

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उनका संकल्प है कि एक-एक क्षण प्रदेश के विकास के लिए लगाएंगे. पूरी क्षमता से कार्य करते हुए प्रदेश की सेवा में संलग्न रहेंगे. कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और समृद्ध एवं आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए भरपूर प्रयास करेंगे. इन प्रयासों में जनता की भागीदारी आवश्यक है.

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चीन या अन्य देशों में बनी सामग्री और पटाखों का उपयोग न करें. हमारे अपने कारीगरों के परिश्रम को सम्मान देते हुए स्वदेशी दीपक और मूर्तियाँ उपयोग में लाई जाएँ. मिट्टी के दिए जलाने से माटी शिल्पियों को भी मदद मिलती है.