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मध्यप्रदेश सरकार ने पेश किया 2 लाख 41 हजार करोड़ का बजट, कोई नया टैक्स नहीं

मध्य प्रदेश विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वर्ष 2021-22 का बजट पेश कर दिया है. यह बजट दो लाख 41 हजार 27 करोड़ रुपए का है. इस बजट में न तो नया कर लगाया गया है और न ही किसी कर मे बढ़ोत्तरी की गई है.

Updated on: 02 Mar 2021, 03:40 PM

highlights

  • मध्य प्रदेश सरकार ने पेश किया 2021-22 का बजट
  • कमलनाथ ने बजट को बताया झूठ का पुलिंदा

भोपाल:

मध्य प्रदेश विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वर्ष 2021-22 का बजट पेश कर दिया है. यह बजट दो लाख 41 हजार 27 करोड़ रुपए का है. इस बजट में न तो नया कर लगाया गया है और न ही किसी कर मे बढ़ोत्तरी की गई है. इस बजट को आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने की दिशा में उठाया हुआ कदम बताया जा रहा है. विधानसभा में मंगलवार को वित्त मंत्री देवड़ा ने बजट पेश करते हुए आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का जिक्र करते हुए कहा कि यह बजट सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, रोजगार, पेयजल आदि पर जोर दिया गया है.

इस बजट में आगामी समय का रोडमेप सरकार की ओर से पेश किया गया है. यह बजट दो लाख 41 हजार 275 करोड़ का है. देवड़ा ने बजट पेश करते हुए कहा कि इस बजट में न तो नया कर लगाया गया है और न ही कर में किसी तरह की बढ़ोत्तरी की जा रही है.

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शिवराज सिंह चौहान की सरकार द्वारा मंगलवार को विधानसभा में पेश किए गए वर्ष 2021-22 के आमबजट को झूठ का पुलिंदा करार दिया है. कमल नाथ ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि, "आज पेश मध्यप्रदेश सरकार का बजट झूठ का पुलिंदा, दिशाहीन, निराशाजनक व सिर्फ आंकड़ो का मायाजाल है. उम्मीद थी कि इस बजट में पेट्रोल-डीजल की कीमतों से जनता को राहत प्रदान करने के लिये वैट में सरकार कमी करेगी, पंजीयन शुल्क में कमी होगी, कांग्रेस सरकार की किसान कर्ज माफी योजना को आगे बढ़ाया जायेगा. रोजगार के नये अवसर को लेकर ठोस कार्ययोजना होगी, बदहाल शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में ठोस कार्ययोजना होगी.''

कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान सरकार के बजट पर आगे कहा, '' प्रदेश में बढ़ती बहन-बेटियों से दरिंदगी की घटनाओं को रोकने के लिये ठोस कार्ययोजना होगी, शासकीय कर्मचारियों के लिये डीए व डीआर देने की बात होगी, कोरोना काल में ध्वस्त अर्थव्यवस्था को देखते हुए उद्योग-व्यवसाय को राहत प्रदान करने के लिये कारगर उपाय होंगे. लेकिन सब कुछ नदारद?"